आमजन समझ बतिया रहे थे परिचय सुना तो घिघियाने लगे
जिला मुख्य अस्पताल में गंदगी। जब एक अंजान ने पूछा कि यहां इतनी गंदगी क्यों तो टीबी वार्ड में कुर्सी पर आराम फरमा रहे कर्मचारी ने कहा बस यूं ही।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : जिला मुख्य अस्पताल में गंदगी। जब एक अंजान ने पूछा कि यहां इतनी गंदगी क्यों? तो टीबी वार्ड में कुर्सी पर आराम फरमा रहे कर्मचारी ने कहा, यूं ही। सुबह-शाम तो सफाई होती है। लेकिन जब उसे यह पता चला कि गंदगी के बारे में पूछने वाला जिले का सबसे बड़ा आला अधिकारी जिलाधीश है, तो हक्का-बक्का रह गया। और कुर्सी से उचककर खड़ा हो घिघियाने लगा।
दरअसल, झारसुगुड़ा जिला के नवनियुक्त जिलाधीश विभूति भूषण दास शुक्रवार को जिला मुख्य अस्पताल में चिकित्सा सेवा का औचक जायजा लेने दफ्तर से निकले थे। इसकी भनक अस्पातल को नहीं थी। जिलाधीश मंगल बाजार पहुंचे और वहां स्थित जिला मुख्य चिकित्सालय से कुछ दूर अपनी गाड़ी खड़ीकर टहलते हुए अस्पताल जा धमके। अस्पताल में पहुंचकर वे टीबी वार्ड में गए जहां पर एक कर्मचारी कुर्सी पर बैठा आराम फरमा रहा था। वह नवपदास्थापित जिलाधीश दास को नहीं पहचान सका तथा आम व्यक्ति समझकर बातचीत करता रहा। इसी बीच जिलाधीश ने उससे वार्ड में अव्यवस्था समेत अस्पताल परिसर में गंदगी आदि को लेकर सवाल दागने शुरू कर दिए और अपना परिचय दिया। कर्मचारी जिसे आम समझ रहा था, उससे सवालों की बौछार के साथ जिलाधीश के रूप में परिचय सुना तो उसके होश उड़ गए। और तुरंत कुर्सी से उचककर उठा खड़ा हो घिघियाने लगा। जिलाधीश ने उसे कर्तव्य के प्रति जिम्मेदार रहने की नसीहत दी। इसी बीच जिलाधीश के अस्पताल में होने की खबर पाकर डॉक्टर समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अस्पताल में फैली गंदगी के लिए जिलाधीश ने सभी को फटकार लगाते हुए नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी को तत्काल तलब किया और उन्हें यहां से नियमित कचरा उठाने का निर्देश दिया। इसके बाद जिलाधीश ने अस्पताल के अन्य विभागों का भी निरीक्षण किया। इस क्रम में एक जगह एक व्यक्ति की लाश देखकर जिलाधीश का पारा फिर चढ़ गया। उन्होंने डॉक्टर व कर्मचारियों को बुलाकर फटकार लगायी तथा इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया। इसके बाद जिलाधीश अस्पताल परिसर से निकल गए।