झारसुगुड़ा को रेल डिवीजन बनाने आंदोलन की तैयारी
दक्षिण-पूर्व रेलवे जोन में सर्वाधिक राजस्व देने वाले झारसुगुड़ा को रेल डिवीजन बनाने की मांग फिर उठी है।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा: दक्षिण-पूर्व रेलवे जोन में सर्वाधिक राजस्व देने वाले झारसुगुड़ा को रेल डिवीजन बनाने की मांग एक बार फिर उठी है। रेल मंत्रालय व प्रशासन पर जंक्शन की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोग अपनी आवाज बुलंद करने की तैयारी में हैं। झारसुगुड़ा को डिवीजन बनाने की मांग विगत चार दशकों से की जा रही है। मगर इस पर लेशमात्र भी ध्यान रेलवे विभाग व मंत्रालय ध्यान नही दे रहा है। वर्ष 1984 में एक मौका झारसुगुडा को डिवीजन बनने के लिए हाथ लगा था। लेकिन उस समय सस्ती राजनीति के कारण यह हो नहीं सका था। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संबलपुर स्टेडियम में रेल डिवीजन बनाने का शिलान्यास किया था। संबलपुर के मुकाबले झारसुगुडा मे रेल डिवीजन के लिए जरूरी आधारभूत सरंचना होने के बाद भी इसकी उपेक्षा की गयी। आज स्थिति यह हो गई है कि झारसुगुडा जिला तीन रेल डिवीजन के बीच बंटा हुआ है। इसे एक डिवीजन के अन्तर्गत लाने का प्रयास ही नही किया गया। जबकि विगत चार दशक से इसे डिवीजन बनाने की मांग पर धरना-प्रदर्शन के साथ रेल मंत्रालय का भी ध्यान आकर्षित कराया जा चुका है। हाल ही में क्षेत्रीय सांसद सुरेश पुजारी ने भी संसद मे झारसुगुडा को डिवीजन बनाने का मुद्दा रखा था। इसके बाद भी रेल मंत्रालय व केन्द्र सरकार की उपेक्षा से यहां आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। राजनीतिक दल भी इस मांग को न्यायोचित मांग मानकर इस आंदोलन से जुड़ने के लिए सहमति दे चुके हैं।