यहीं हाल रहा तो कैसे रोकेंगे तीसरी लहर को?
जिला प्रशासन वैसे तो पूरी ताकत से कोरोना नियमों को पालन कराने के लिए जागरूकता लाने की प्रयास में है। नियमों का पालन नहीं करने वालों से सख्ती भी बरती जारही है जुर्माना भी वसूले जा रहे हैं। लेकिन लोग हैं कि वे अपनी आदतों से बाज नहीं रहे हैं।
संसू, झारसुगुड़ा : जिला प्रशासन वैसे तो पूरी ताकत से कोरोना नियमों को पालन कराने के लिए जागरूकता लाने की प्रयास में है। नियमों का पालन नहीं करने वालों से सख्ती भी बरती जारही है, जुर्माना भी वसूले जा रहे हैं। लेकिन लोग हैं कि वे अपनी आदतों से बाज नहीं रहे हैं। विकली शटडाउन (शुक्रवार व शनिवार) को दुकान-बाजार बंद होने के कारण गुरुवार झारसुगुड़ा शहर के मुख्य मार्ग में मेले की तरह लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। लोग दो दिन का राशन-पानी व साग सब्जियां खरीदने के लिए बाजार में उमड़ पड़े थे। किसी ने भी शारीरिक दूरी का ख्याल नहीं रखा। शहर के मुख्य मार्ग पर स्थित झंडा चौक जो कि शटडाउन व लॉकडाउन के समय मुख्य बाजार बन गया है। वहां इतनी भीड़ थी कि हर जगह जाम की स्थिति थी। पैदल चलने तक कि जगह नहीं थी। कई लोगों ने मास्क भी नहीं पहना था। अगर लोग इसी तरह से लापरवाही करते रहे तो कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर को कैसे रोकेंगे?
विदित हो कि राज्य भर में 17 जून तक लॉकडाउन लगा हुआ है। इस दौरान सुबह सात बजे से सुबह ग्यारह बजे तक ही आवश्यक सामग्री कीदुकान-बाजार खोलने की अनुमति है। इसी कारण प्रति दिन शहर में विभिन्न सामग्री खरीदने के लिए भीड़ रहती है। जहां लोग कोविड नियमों को भी नही मानते है। दूसरी ओर पुलिस ग्यारह बजते ही मुख्य मार्ग में दुकान बाजार बंद कराने लगती है। फिर भी दुकानदार 12 बजे तक दुकान खोले रहते है। वैसे दुकानदारों से जब पुलिस जुर्माना वसूली है तो विवाद की स्थिति बन जाती है। कहने को तो लॉकडाउन लगा है। मगर शहर में प्राय: सभी दुकानें खुली रहती हैं, और सड़क पर वाहनों की भी कमी है। सैकडों कि संख्या में यानवाहन धड़ल्ले से चलती है।