झारसुगुड़ा में प्रशासनिक अधिकारी व मजिस्ट्रेट हुए आमने-सामने
झारसुगुड़ा शहर में लॉक डाउन के दौरान एक मजिस्ट्रेट के चपरासी को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रोकने से गुस्साए मजिस्ट्रेट एवं प्रशासनिक अधिकारी आमने सामने हो गए।
संसू, ब्रजराजनगर (पश्चिम ओडिशा) : झारसुगुड़ा शहर में लॉक डाउन के दौरान एक मजिस्ट्रेट के चपरासी को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रोकने से गुस्साए मजिस्ट्रेट एवं प्रशासनिक अधिकारी आमने सामने हो गए। करीब डेढ़ घंटे तक कामकाज ठप रहने के उपरांत जिलाधीश के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा एवं कामकाज पुन: शुरू हो सका। यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। रविवार को एक मजिस्ट्रेट का चपरासी मछली खरीदने के लिए बाइक से बाजार की ओर जा रहा था। बस स्टैंड के नजदीकी चौक पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर उसने बताया कि वह मछली खरीदने जा रहा है। घटनास्थल पर मौजूद उपजिलाधीश शिव टोप्पो ने पूछा कि जब ओएमपी चौक में मछली खरीदने की सुविधा है तो वह बाजार की तरफ क्यों जा रहा है। इस दौरान चपरासी ने काफी वाद विवाद किया था। बाद में चपरासी से मामले की सूचना पाकर उक्त मजिस्ट्रेट ने उपजिलाधीश से फोन पर बातचीत की। इस घटना के बाद कार्यरत पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने उपजिलाधीश के कार्यालय में बैठक कर अपने आपको काम से अलग रखने के साथ ही जिलाधीश से मिलने का निर्णय लिया। जिलाधीश सरोज कुमार सामल के समझाने के बाद मामला शांत हुआ एवं डेढ़ घंटे बाद दोपहर साढ़े 12 बजे से इन अधिकारियों ने पुन: अपना काम शुरू किया। जिलाधीश के अनुसार, कोरोना जैसे भयावह रोग के समय आपसी गलतफहमी की वजह से ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि झारसुगुड़ा एवं ब्रजराजनगर इलाको में इस तरह की अनेक घटनाएं घट चुकी है। कुछ दिनों पूर्व ब्रजराजनगर के मुख्य बाजार में एसडीपीओ दिलीप दास द्वारा कार में बैठी महिला मजिस्ट्रेट का वीडियो वायरल होने के बाद मामला काफी चर्चित हुआ था। इसी तरह झारसुगुड़ा में बिना हेलमेट बाइक में जा रहे एक मजिस्ट्रेट को रोकने पर उसका पुलिस कर्मचारी के प्रति किया गया दुर्व्यवहार भी सुर्खियां बना था। आमजन का मानना है कि लॉक डाउन के दौरान जब लोगो पर सख्ती की जा रही है तो सरकारी बाबू एवं न्यायपालिका से जुड़े लोगों द्वारा भी इसका पालन किया जाना चाहिए ।