दोस्ती में बदली नव व किशोर की सियासी प्रतिद्वंद्विता
किसी ने सच ही है कहा है कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : किसी ने सच ही है कहा है कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। शहर में भी एक दूसरे के धुर विरोधी तथा परंपरागत सियासी प्रतिद्वंद्वी नवकिशोर दास व किशोर महंती की दोस्ती चर्चा का विषय बनी है। नव दास ने बीजू जनता दल में शामिल होने से पूर्व यह दोनो एक-दूसरे के धुर विरोधी थे। लेकिन मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर साथ मिलकर यह दोनो जिस प्रकार तैयारियों में जुटे हैं, उसे देखकर लगता ही नहीं है कि वे कभी एक-दूसरे के विरोधी रहें होगे। वैसे कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिलकर आने के बाद ही इनकी गलबहियां शुरू हो गई थीं। यहां के लोग यह चर्चा भी कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने इन्हें ऐसा क्या गुरु मंत्र दिया कि यह दोनों सियासी प्रतिद्वंद्विता को भुलाकर एक हो गए हैं। वहीं इन दोनों के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चर्चा आम है। यह तो तय है कि बीजद में शामिल होनेवाले नवदास झारसुगड़ा विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे, ऐसे में किशोर महंती इस सीट को छोड़कर बरगढ़ से लोकसभा चुनाव या फिर ब्रजराजनगर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं, चर्चा हो रही है। गुरुवार को अमलीपाली में मुख्यमंत्री के सभा स्थल का निरीक्षण करने के दौरान इन दोनो नेताओं की आपसी बातचीत भी सियासी हल्के में चर्चा में है। हालांकि दोनों नेताओं को मुख्यमंत्री क्या जिम्मेदारी देते हैं, यह तो गुरुवार को ही पता चल सकेगा, ऐसी उम्मीद राजनीतिक समीक्षकों ने लगा रखी है।