35 लाख बर्बाद, एक दिन भी नहीं आया पानी
संसू झारसुगुड़ा झारसुगुड़ा जिले में जिला मिनरल फंड (डीएमएफ) का किस प्रकार से दुरुपय
संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिले में जिला मिनरल फंड (डीएमएफ) का किस प्रकार से दुरुपयोग हो रहा है उसका एक नग्न उदाहरण देखने को मिला है जिला के लखनपुर ब्लॉक में। ब्लॉक के रेमंडा पंचायत के नुआ चारमाल के किनारे हीराकुद जलभंडार के उपकुल में निर्मित लिफ्ट इरिगेशन से एक दिन भी खेतों में पानी नहीं दे पाया है। गत चार वर्ष पहले इस प्रकल्प का निर्माण किया गया था। मगर किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मील पाया है। इस प्रकल्प पर करीब 35 लाख रुपये खर्च किए गए थे। निम्नमान के कार्य किए जाने से ही यह प्रकल्प कोई काम का नहीं रह गया है। इस संबंध में पानी पंचायत कि ओर से जिलाधीश से शिकायत कि गई है। वहीं अब लोगों कि नजर ठेकेदार, विभागीय अधिकारी के खिलाफ प्रशासन के कार्यवाही पर लगी है। वर्ष 2016/17 में जिला मिनरल फंड से 35 लाख 60 हजार रुपये से रेमेंडा कानझरिया में हीराकुद जलभंडार के उपकुल में लिफ्ट इरिगेशन प्रकल्प का निर्माण किया गया था। वर्ष 2016 मार्च को इसका काम आरंभ हुआ था। ओर जून में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इस कार्य में लगे ठेकेदार ने अपने राजनैतिक प्रभाव का इस्तमाल कर विभाग को प्रभावित कर निम्नमान के पाईप, पंप व विद्युत उपकरण लगाकर अपना बील पास कराने में सफल रहा। इसके विरोध में पानी पंचायत के कर्मचारी व सदस्यों ने आवाज भी उठाई थी। मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया था। गत कुछ माह पूर्व विभागीय इंजीनियर ने प्रकल्प कि मरम्मत भी की थी। मगर निम्नमान के पाईप के कारण जगह-जगह पाईप फट जाने से पानी कि सप्लाई नहीं हो पा रही है। यहां लगाया गया पंप भी अति निम्न मान का होने के कारण वह भी सही ढंग से नहीं चल पा रहा है कि बात पानी पंचायत के कर्मचारियों द्वारा कही गई है। डीएमएफ फंड का इस तरह से दुरुपयोग के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार कि उच्चस्तरीय जांच कराने कि मांग पानी पंचायत कि ओर से कि जा रही है। इस संबंध में पानी पंचायत के सचिव राधाकांत मांझी कि ओर से जिलाधीश से शिकायत कर इसकी जांच विजिलेंस विभाग से कराने कि मांग कि गई है।