गो तस्करी पर रोक लगाए राज्य सरकार : मेनका गांधी
गैरकानूनी ढंग से गो तस्करी के क्षेत्र में ओडिशा काफी आगे है। हर दिन अ
जासं, भुवनेश्वर : गैरकानूनी ढंग से गो तस्करी के क्षेत्र में ओडिशा काफी आगे है। हर दिन ओडिशा से पशुओं से लदी गाड़ी आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों को जा रही है और वहां से बांग्लादेश एवं अन्य देशों को पशु भेजे जा रहे हैं। इस कारोबार को रोकने के लिए कई बार मांग हो चुकी है, राज्य सरकार को इस संबंध में अवगत भी किया गया है। बावजूद इसके राज्य में अवैध तरीके से हो रही गो तस्करी को रोकने के बदले अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन की जानकारी में चल रहा यह कारोबार अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओडिशा की स्थिति को जाहिर कर चुका है। यह बात केंद्रीय महिला एवं शिशु विकास मंत्री मेनका गांधी ने कही है। राष्ट्रीय कानून विश्व विद्यालय (एनएलयू) एवं ह्वयूमन सोसाइटी इंटरनेशनल (एचएसआइ) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व विद्यालय परिसर में प्राणी व पर्यावरण मंगल विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला में शिरकत करने पहुंची मेनका गांधी ने कहा कि इस पर तत्काल राज्य सरकार को रोक लगानी चाहिए।
उन्होंने राज्य में गो तस्करी के लिए सीधे तौर पर ओडिशा पुलिस, पशुपालन विभाग एवं लोगों को जिम्मेदार ठहराया। गांधी ने कहा कि जानबूझकर इस तरह के घृणित कार्य को राज्य में प्रोत्साहन दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश अपनी वेबसाइट में दर्शाया है कि 20 हजार टन गो मांस विदेशों में निर्यात करता है। गांधी ने कहा कि जिस देश में गाय हैं ही नहीं फिर वह इतनी मात्रा में गो मांस कहां से लाता है।
मंत्री ने कहा कि पशुओं की सुरक्षा यदि नहीं हुई तो फिर मानव सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। स्वस्थ जीवन शैली में किस प्रकार से बचना होगा उस दिशा में लोगों को अभी से चिंतन करने की जरूरत है। राजस्थान में हो रही ऊंट तस्करी को लेकर भी मेनका गांधी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि गुजरात सीमा पर भी कच्छ इलाके में सेना यातायात के तौर पर ऊंट का प्रयोग करती है। मगर ऊंट की तस्करी होने से वर्तमान समय में ऊंटों की संख्या में कमी आ गई है। इससे कच्छ में भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान आगामी दिनों में समस्या में पड़ सकते हैं। ऐसे में धन की लालच में गाय एवं ऊंट आदि को बेचने के बदले लोगों को अपने तथा अपने देश के बारे में सोचने की जरूरत है। मेनका गांधी ने कहा कि जीव हत्या को लेकर पहले से जो प्रथा चली आ रही है, उसे बंद किया जाना चाहिए। इस कार्यशाला में एनएलयू के कुलपति प्रो. डॉ. कृष्णा देवा राव, जीव वैज्ञानिक प्रो. डॉ. प्रियंबदा महांती, एचएसएआई के संचालन निदेशक एनजी जय¨सह, वन्यप्राणी प्रचार निदेशक सुमंत बिंदूमाधव प्रमुख उपस्थित थे।