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Cuttack: गांव में नहीं थी सड़क, गर्भवती महिला को खाट पर लिटा एंबुलेंस तक पहुंचाया

ओडिशा की प्राचीन राजधानी कटक जिले में देखने को मिली बदहाल स्थिति रास्ता ना होने हेतु गांव में नहीं पहुंच पायी एंबुलेंस खाट में लादकर एम्बुलेंस तक पहुंचायी गयी गर्भवती महिला। एंबुलेंस के अंदर ही करवाना पड़ा प्रसव।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 02:31 PM (IST)
Cuttack: गांव में नहीं थी सड़क, गर्भवती महिला को खाट पर लिटा एंबुलेंस तक पहुंचाया
खाट में लादकर एम्बुलेंस तक पहुंचायी गयी गर्भवती महिला

कटक, जागरण संवाददाता। कटक शहर को ओडिशा की सांस्कृतिक एवं व्यापारिक नगरी कहा जाता है। यह शहर अपने व्यापार एवं संस्कृति के साथ ही भाईचारे के लिए भी पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हैं। हालांकि इस बीच कटक जिले के नाम सोमवार को एक ऐसा अध्याय जुड़ गया है, जिस पर लोग सहजता के साथ विश्वास नहीं कर पा रहे हैं, मगर यही हकीकत है।

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जानकारी के मुताबिक ओडिशा की प्राचीन राजधानी रह चुके कटक जिले के टांगी इलाके में मौजूद गोड़धुआ आदिवासी गांव में गर्भवती महिला को अस्‍पताल पहुंचाने हेतु एंबुलेंस को बुलाया गया। लेकिन रास्ता सही ना होने हेतु गांव के अंदर एंबुलेंस घुस नहीं पायी। जिसके चलते एंबुलेंस के कर्मचारी मजबूरन पैदल जाकर एक खाट में गर्भवती महिला को लादकर एंबुलेंस तक लाए और फिर एंबुलेंस के अंदर ही प्रसव हुआ। हालांकि गनीमत रही कि प्रसव के बाद जच्चा एवं बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।

उक्त महिला के परिवार एवं गांव वालों ने एक तरफ जहां एंबुलेंस कर्मचारियों के इस कार्य की प्रशंसा की तो वहीं दूसरी तरफ गांव में रास्ता ना होने का दुख भी इनके चेहरे पर साफ झलक रहा था। कटक जिले के टांगी चौद्वार ब्लॉक इलाके में रास्ते की इस तरह की बदहाल स्थिति के लिए लोगों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है।

सूचना के मुताबिक, टांगी चौद्वार ब्लॉक करंजी पंचायत गोड़धुआ आदिवासी गांव की सुमित्रा पिंगुआ नामक गर्भवती को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस गांव में पहुंची। लेकिन गांव की मिट्टी की रास्ते में गाड़ी फंस जाने हेतु एंबुलेंस गांव के अंदर नहीं जा पायी। जब गर्भवती की गर्भ यंत्रणा बढ़ गयी तो मजबूरन एंबुलेंस के 3 कर्मचारी और महिला के पति दैतारी ने मिल कर खाट से महिला को एंबुलेंस तक लाये। एम्बुलेंस महिला को लेकर अस्पताल के लिए कुछ दूर निकली ही थी कि, गर्भ यंत्रणा काफी हद तक बढ़ गई।

ऐसे में एंबुलेंस में मौजूद आशा दीदी और एंबुलेंस फार्मासिस्ट रंजन कुमार साहू के द्वारा एंबुलेंस के अंदर ही सुरक्षित तौर पर प्रसव किया गया। जिस में एक बच्ची को जन्म दिया गर्भवती महिला ने। खाट में लादकर सुरक्षित तौर पर गर्भवती को एंबुलेंस तक लाना और एंबुलेंस के अंदर सुरक्षित तौर पर गर्भवती महिला की प्रसव करने हेतु सुमित्रा के पति दैतरी ने एंबुलेंस के कर्मचारियों का आभार प्रकट किया। इस संपूर्ण कार्य में एंबुलेंस के ड्राइवर के साथ-साथ कर्मचारी गयाधर मलिक, शेक आदिल अहमद, आशा दीदी कल्पना नायक प्रमुख ने संपूर्ण सहयोग किया था।


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