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तीन साल पहले AIIMS में सर्जरी से अलग किए गए सिर से जुड़े जुड़वा बच्‍चों में से एक की मौत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अक्टूबर 2017 में नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)में अजग्गा और कालिया नाम के जुड़वा बच्चों को अलग किया गया था इनमें से कालिया की मौत हो गई। ये बच्‍चे ओडिशा के कंधमाल के रहने वाले थे।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 09:23 AM (IST)
तीन साल पहले AIIMS में सर्जरी से अलग किए गए सिर से जुड़े जुड़वा बच्‍चों में से एक की मौत
सर्जरी से अलग किए गए सिर से जुड़े जुड़वा बच्‍चों में से एक की मौत

कटक, एएनआइ। ओडिशा के कंधमाल जिले के सिर से जुड़े बच्‍चों को तीन साल पहले "भारत की पहली क्रानियोपैगस सर्जरी" के जरिए जग्‍गा और कालिया को अलग किया गया था, इनमें से एक बच्‍चे कालिया की बुधवार शाम कटक के सरकारी अस्‍पताल श्रीराम चंद्र भांजा (एससीबी) मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। अस्पताल के अधिकारी डॉ भुबानंद महाराणा ने बताया कि कालिया ट्रामा आईसीयू में उपचाराधीन था। इन जुडवां सिर से जुड़े हुए बच्‍चों को अगस्त-अक्टूबर 2017 में ऑपरेशन की एक श्रृंखला में अलग किया गया था।

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एससीबी मेडिकल कॉलेज की टीम की निगरानी में थे बच्‍चे  

  लगभग 2 वर्षों तक एम्स नई दिल्ली में पोस्ट-ऑपरेटिव पुनर्वास और देखभाल के बाद, जुडवां बच्चे पिछले साल सितंबर में ओडिशा लौट आए, लेकिन कंधमाल में अपने घर वापस नहीं गए और एससीबी मेडिकल कॉलेज में एक टीम की निगरानी में रहे। हालांकि, बच्चों के माता-पिता ओडिशा में अस्‍पताल में बच्‍चों की उचित देखभाल को लेकर आशंकित थे, लेकिन एम्स के डॉक्टरों ने उन्‍हें आश्वस्त किया कि कोई समस्या नहीं होगी। इन बच्‍चों का इलाज एम्स दिल्ली द्वारा विकसित एक प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा था।

 नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)में अक्टूबर 2017 में इन जुड़वा बच्चों को अलग किया गया था। दो वर्ष के ऑब्जर्वेशन और सर्जरी के बाद के उपचार के पश्चात उन्हें सितंबर 2019 में कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित किया गया था।  

14 सदस्यीय टीम कर रही थी इलाज

  डॉ  महाराणा ने  बताया कि अलग हुए जुड़वा बच्चों में से एक कालिया की बुधवार को सेप्टीसीमिया के कारण मौत हो गई। डॉ महाराणा ने कहा, "बच्‍चे की हालत पिछले सात-आठ दिनों से काफी खराब थी और अचानक ही बहुत ज्‍यादा बिगड़ गई। बता दें कि डॉक्टरों की 14 सदस्यीय टीम उसका इलाज कर रही थी लेकिन अथक प्रयास के बाद  भी बच्‍चे को बचाने में कामयाब नहीं रहे। 


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