बरहमपुर की मेयर के माधवी को हाईकोर्ट से राहत
बरहमपुर नगर निगम चुनाव में गलत हलफनामा देने के आरोप में मेयर पद गंवा
संवाद सूत्र, कटक : बरहमपुर नगर निगम चुनाव में गलत हलफनामा देने के आरोप में मेयर पद गंवा चुकी नगर की प्रथम महिला मेयर के माधवी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। मंगलवार को उनकी ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है।
मीडिया से बातचीत में मेयर के वकील ने बताया कि माधवी की सदस्यता रद करने के लिए जो आदेश आया था उसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें उनके दो पति होने और बिना तलाक के दूसरी शादी करने के आरोपों को बेबुनियाद ठहराते हुए रीति रिवाज के अनुसार तलाक होने की बात स्पष्ट की गई है। इस मामले में विपक्ष ने भी अदालत में अपना पक्ष रखा था। मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश सदस्यता रद करने पर रोक लगा दी है।
उल्लेखनीय है कि बरहमपुर के पूर्व मेयर शिवशंकर दास ने के माधवी के हलफनामा को चुनौती देते हुए गंजाम जिला एवं दौरा जज की अदालत में दो अलग-अलग याचिका दायर की थी। इसमें माधवी की दो शादियां होने की बात दर्शाई गई थी। कानूनी तौर पर दो शादियों को लिए जो कदम उठाए जाने चाहिए, वह नहीं उठाया गया है। इसी तरह उन्हें ओड़िआ पढ़ना लिखना नहीं आता है, दर्शाया गया था।
बरहमपुर नगर निगम के 16 नंबर वार्ड की के माधवी पर यह मामला 2014 में दायर किया गया था। यहां तक कि शिवशंकर दास ने मामले की सुनवाई जल्द से जल्द खत्म कर निचली अदालत को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। मामले की सुनवाई कर गंजाम जिला एवं दौरा जज ने विगत 13 फरवरी को माधवी के सदस्यता पद रद कर दिया था। निचली अदालत के इस आदेश को चुनौती देते हुए माधवी ने हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी।