Move to Jagran APP

Odisha: जमीन घोटाला मामले में वैजयंत पंडा व पत्‍‌नी की अंतरिम जमानत याचिका खारिज

Odisha हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जमीन की गड़बड़ी का यह मामला गंभीर है और इसमें वर्तमान स्थिति में जमानत नहीं दी जा सकती। जमानत इस आधार पर मांगी गई थी कि आरोपित निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 02:34 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 08:51 PM (IST)
Odisha: जमीन घोटाला मामले में वैजयंत पंडा व पत्‍‌नी की अंतरिम जमानत याचिका खारिज
जमीन घोटाले में वैजयंत पंडा व उनकी पत्नी की अंतरिम जमानत याचिका खारिज। फाइल फोटो

जासं, कटक (ओडिशा)। सारुआ जमीन घोटाला मामले में इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैजयंत पंडा और उनकी पत्‍‌नी ओटीवी की एमडी जागी मंगत पंडा की परेशानी बढ़ गई है। ओडिशा हाई कोर्ट ने दोनों की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जमीन की गड़बड़ी का यह मामला गंभीर है और इसमें वर्तमान स्थिति में जमानत नहीं दी जा सकती। जमानत इस आधार पर मांगी गई थी कि आरोपित निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा नहीं है। आवेदक के वकील कोर्ट में अपनी बात प्रमाणित नहीं कर सके।

prime article banner

क्राइम ब्रांच करेगी मामले की जांच

इससे पहले खुर्दा जिला व सत्र न्यायालय ने गलत तरीके से सात एकड़ जमीन कंपनी के नाम पर हासिल करने के मामले में हाईकोर्ट ने पंडा व उनकी पत्नी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। ईओडब्ल्यू की ओर से बेनामी कारोबार के ऊपर जांच करने के लिए आयकर विभाग को कहा गया है। पहले दर्ज किए जाने वाले मामले की जांच क्राइम ब्रांच की ओर से जारी रहेगी। हाई कोर्ट की इस राय के बाद अब आगे क्या होगा, उस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

सरकार ने व्यक्तिगत रंजिश के चलते फंसायाः मंगत पंडा

इस बीच, ओटीवी की एमडी और वैजयंत पंडा की पत्नी जागी मंगत पंडा ने बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने व्यक्तिगत रंजिश के चलते उन्हें फंसाया है। ओटीवी और सहयोगी संस्थान के खिलाफ पिछले दो महीने के अंदर 20 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। बीजद सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुंह खोलने और वैजयंत पंडा के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही उन्हें टारगेट बनाया जा रहा है। सरकारी भ्रष्टाचार और कोविड फंड घोटाले की खबर ओटीवी में प्रसारित होने के बाद सरकार बौखलाहट में ऐसी कार्रवाई कर रही है है। इसलिए ऐसा कर रही है। जब भी पुलिस ने नोटिस जारी किया, वह हर बार जांच में सहयोग करते आ रहे हैं। बावजूद देर रात गिरफ्तारी क्यों की जा रही है। हाल ही में पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें दो लोग संस्था से इस्तीफा दे चुके हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.