आंदोलन को लेकर दो गुट के वकील आमने-सामने, उत्तेजना का माहौल
अोडिशाा में वकीलों का आंदोलन अलग मोड़ पर पहुंच गया है, हाईकोर्ट के बाहर सोमवार को उत्तेजना का माहौल देखने को मिला।
कटक, जेएनएन। दो महीने से चलने वाला वकीलों का आंदोलन सोमवार को एक अलग मोड़ पर पहुंच गया। एक तरफ जहां एक गुट के वकील आंदोलन को खत्म कर कार्य पर जाने का निर्णय लिए तो वहीं दूसरे गुट के वकील उन्हें कार्य में योगदान करने नहीं दिया। इससे हाईकोर्ट के बाहर सोमवार को उत्तेजना का माहौल देखने को मिला। कोई भी वकील हाईकोर्ट के अन्दर नहीं पहुंच पाया।
प्राप्त सूचना के मुताबिक पिछले 60 दिनों से चला आ रहा वकीलों के कार्यबंद आंदोलन में सियासी रंग देखने का आरोप लाते हुए बीजद लिगल फ्रंट के वकील सोमवार से कार्यबंद आंदोलन को खत्म करने का निर्णय लिया एवं आज से ही कार्य में योगदान करने के लिए लिए गए निर्णय के तहत हाईकोर्ट के पास पहुंचे।
सोमवार पूर्वाह्न को जैसे ही बीजद लिगल फ्रंट के वकील हाईकोर्ट के अन्दर घुसना चाहे, तभी आंदोलन के सपक्ष में रहने वाले वकीलों ने उन्हें अन्दर जाने से रोक दिया। इसे लेकर यहां पर उत्तेजना का माहौल बन गया। आन्दोलन के सपक्ष में रहने वाले वकील हाईकोर्ट के अन्दर जाने वाले तमाम गेट को बंद कर दिए और किसी को भी अन्दर नहीं जाने दिया। इस दौरान बीजद लिगल फ्रंट के वकील एवं आन्दोलन के सपक्ष में रहने वाले वकीलों में धक्का मुक्की हुई। इससे वहां पर उत्तेजना का माहौल बन गया और पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गई।
कमिश्नरेट पुलिस के विभिन्न जोन के एसपी, थानों के अधिकारी को मिलाकर कुल 25 प्लाटुन पुलिस बल मौके पर तैनात रही। दिन भर उत्तेजना का माहौल हाईकोर्ट के बाहर बना रहा। इसी बीच आन्दोलन के सपक्ष में रहने वाले कुछ वकील एक बच्चे को कोर्ट के पास से ही अन्दर ले गए। 14 से 15 साल के इस बच्चे को काफी समय तक अन्दर रोके रखे। वह बच्या यहां क्यों आया था किस इरादे से वह हाईकोर्ट में घुस रहा था, उसकी छानबीन में जुट गए प्रदर्शनकारी वकील।
दूसरी तरफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासिचव सत्यव्रत महांती ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इस आन्दोलन को सियासी रंग देने की कोशिश की जा रही है। बीजद लिगल फ्रंट इस आन्दोलन को स्पष्ट करना चाहता है। मगर यह आन्दोलन सबकी सहमति से चल रहा है, वकीलों के स्वाभिमान के लिए यह आन्दोलन चल रहा है, ऐसे में इसमें किसी भी प्रकार का सियासी खेल ठीक नहीं है। उनके आरोप के मुताबिक बीजद लिगल फ्रंट के वकील एक महिला वकील के साथ बदसलूकीिकए हैं।
दूसरी तरफ लिगल फ्रंट के वकील भी आन्दोलन करने वाले वकीलों के साथ बयानबाजी किए हैं। समाचार लिखे जाने तक हाईकोर्ट के बाहर उत्तेजना बनी हुई थी और पुलिस बल मौके पर मौजूद रहकर स्थिति को नियंत्रित करने में लगी हुई थी। इस घटना में राज्य सरकार हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से मांग की जा रही है। ऐसे में राज्य सराकर क्या कदम उठाती है, उस पर सबकी निगाहें टिकी है।