बच्चों के शोषण के खिलाफ महायुद्ध होना चाहिए: कैलाश
पिछले साल देश में 15 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए, लेकिन उसमें से 4 फीसद आरोपियों को ही मात्र सजा मिली है।
कटक, जागरण संवाददाता। देश भर में हर साल हजारों की संख्या में बच्चे एवं महिलाएं शोषण का शिकार हो रहे हैं, जानवरों की तरह इन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बच्चों के शोषण के खिलाफ एक महायुद्ध होना चाहिए। यह बात नोबेल पुस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मंगलवार शाम कटक शहीद भवन में आयोजित भारत यात्रा कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि जो बच्चों के मित्र हैं, मैं उनका मित्र हूं।
देशभर में काफी तादात में बच्चे शोषण का शिकार हो रहे हैं। पिछले साल देश में 15 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए, लेकिन उसमें से 4 फीसद आरोपियों को ही मात्र सजा मिली है। 6 फीसदी सबूत के अभाव में छोड़ दिए गए। बाकी 90 प्रतिशत मामलों की सुनवाई अभी तक नहीं हुई है। इसकी सुनवाई होने में कई साल गुजर जाएंगे। ऐसे शोषण के खिलाफ महायुद्ध होना चाहिए। इसी के खिलाफ भारत यात्रा मुहिम देश भर
में चलाई जा रही है।
बच्चों का शोषण दिन-ब-दिन महामारी का रूप लेते जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों के बचाव में किसी भी वकील को बहस नहीं करनी चाहिए। देश के 22 राज्य एवं केंद्र शासित इलाके में भारत यात्रा कार्यक्रम चलाया जाएगा। इससे पूर्व आयोजक सह उत्कल सेवक समाज के सचिव अमीय भूषण विश्वाल की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सामाजिक सगंठनों द्वारा कैलाश सत्यार्थी को सम्मानित किया गया।
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