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श्रीमंदिर प्रशासन के रवैये पर हाईकोर्ट ने जताया असंतोष

पुरी श्रीमंदिर जगमोहन मरम्मत मामले की सुनवाई गुरुवार को हाईकोट

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Apr 2018 02:40 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 02:40 PM (IST)
श्रीमंदिर प्रशासन के रवैये पर हाईकोर्ट ने जताया असंतोष
श्रीमंदिर प्रशासन के रवैये पर हाईकोर्ट ने जताया असंतोष

जागरण संवाददाता, कटक : पुरी श्रीमंदिर जगमोहन मरम्मत मामले की सुनवाई गुरुवार को हाईकोर्ट में हुई। इस दौरान हाईकोर्ट के पूर्व निर्देशानुसार श्रीमंदिर प्रशासन की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। जगमोहन को 25 जुलाई 2018 से पहले नहीं खोला जा सकता है। महाप्रभु की कुछ पूजा नीतियों के चलते 25 जुलाई से पहले इसे न खोलने के लिए मोहलत देने का अनुरोध हलफनामा के जरिये श्रीमंदिर प्रशासन ने किया था। इस पर असंतोष प्रकट करते हुए अदालत ने आगामी 10 अप्रैल को मंदिर प्रशासन को फिर से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मंदिर प्रशासन उस हलफनामा में स्पष्ट करेगा कि कब जगमोहन को खोला जाएगा एवं आम लोगों के दर्शन के लिए बहाल कर दिया जाएगा। जगमोहन मरम्मत को लेकर आíकलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ) की ओर से दिए गए हलफनामा में स्पष्ट कहा गया था कि श्रीमंदिर के जगमोहन की मरम्मत 6 मार्च 2018 के अंदर हो चुकी है। इसे 31 मार्च तक खोल देना चाहिए। इसके बावजूद अभी तक मंदिर प्रशासन की ओर से जगमोहन को खोले जाने को लेकर स्पष्ट तिथि के बारे में अदालत को अवगत नहीं कराया गया है।

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आज सुनवाई के दौरान श्रीमंदिर प्रशासन ने रत्न भंडार खोले जाने को लेकर सीलबंद लिफाफा में एक रिपोर्ट भी अदालत को दिया है। हालांकि रिपोर्ट में क्या उल्लेख किया गया है, वह जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। सुनवाई के दौरान अदालत के सवाल का जवाब देते हुए आमिकस क्यूरी एनके महांती ने बताया कि रत्न भंडार में कुछ जगहों पर टूटा-फूटा नजर आया है, इसकी मरम्मत की आवश्यकता है। बाद में उसकी मरम्मत करने से भी चलेगा। यह जानकारी वकील अशोक कुमार महापात्र ने दी है।

उल्लेखनीय है कि श्रीमंदिर जगमोहन मरम्मत को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक दास ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। दास ने श्रीमंदिर जगमोहन की हालत खराब बताते हुए उसकी मरम्मत जल्द किए जाने का अनुरोध किया है। इसकी सुनवाई कर हाईकोर्ट ने जगमोहन के मरम्मत करने को एएसआइ को निर्देश दिया है। इसमें सहयोग करने के लिए श्रीमंदिर प्रशासन एवं राज्य सरकार को भी अदालत ने निर्देश दिया है।


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