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फणि प्रभावितों ने जिलाधीश को हटाने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

चक्रवात फणि से निपटने में कटक जिला प्रशासन को विफल बताते हुए जिलाधीश को हटाने की मांग सीडीए सेक्टर 6 के लोगों ने की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 05:53 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 06:39 AM (IST)
फणि प्रभावितों ने जिलाधीश को हटाने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
फणि प्रभावितों ने जिलाधीश को हटाने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

जेएनएन, भुवनेश्वर/कटक : चक्रवात फणि से निपटने में कटक जिला प्रशासन को विफल बताते हुए जिलाधीश का तबादला करने की मांग सीडीए सेक्टर 6 के लोगों ने की है। मुख्यमंत्री के नाम केंद्रांचल राजस्व आयुक्त (आरडीसी) को सौंपे गए ज्ञापन में चक्रवात पीड़ितों को जिलाधीश ठीक तरह से राहत सामग्री मुहैया नहीं कराने, पेयजल आवंटन में फेल, बिजली एवं सफाई कार्य को सही ढंग से न कर पाना, नुकसान के बारे में राज्य सरकार को गलत तथ्य देना आदि का आरोप लोगों ने लगाया है। कहा है कि चक्रवात के बाद अपनी समस्या बताने के लिए जिलाधीश के दफ्तर में गए थे, जहां पर जिलाधीश ने उनके साथ बदसलूकी की। जिलाधीश के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीडीए के लोगों ने मांग किया है। सीडीए के लोगों का आरोप है कि चक्रवात फणि की सूचना होने के बावजूद जिला प्रशासन को उससे निपटने के लिए जिस तरह तैयार होना था उस तरह से जिला प्रशासन तैयार नहीं हुआ था। जिलाधीश लापरवाही के कारण बस्तीवासियों को पका हुआ खाद्य, सूखा खाद्य, पेयजल व अन्य बुनियादी मदद समय से नहीं दी गई है। सेटेलाइट सीडीए इलाके में स्थिति को सामान्य करने के लिए सही समय पर निर्णय लेने में भी जिला प्रशासन फेल साबित हुआ है। इससे सीडीए सेक्टर-6 के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। प्रतिनिधि दल में सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक एनआर पटनायक, अरुण पंडा, डॉ. सत्य राय, वकील जयंत रथ, अक्षय पति, गदाधर साहू, देवेंद्र सुतार, पूर्व डीआइजी बंकिम चन्द्र महांती, मर्कत नगर वरिष्ठ नागरिक संघ सचिव अशोक कुमार, इंजीनियर निशाकर दास, वकील रमानाथ आचार्य प्रमुख शामिल थे।

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पर्यटकों के लिए खोला गया कोणार्क मंदिर

चक्रवात फणि के तांडव के बाद बंद पड़े ऐतिहासिक कोणार्क सूर्य मंदिर को मंगलवार से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। हाथ से कटे हुए टिकट देकर पर्यटकों को अंदर जाने दिया जा रहा है। इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की ओर बताया गया है कि चक्रवात फणि के कारण विगत तीन मई को मंदिर परिसर ध्वस्त हो गया था। बड़े-बड़े पेड़ गिर गए थे। इससे मंदिर का सौंदर्य खराब हो गया है, इसके चलते मंदिर को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। मंदिर के ढांचा को तूफान से कोई नुकसान नहीं हुआ है। चक्रवात के बाद एएसआइ की एक टीम मंदिर पहुंचकर जांच करने के बाद यह जानकारी दी गई।


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