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कमिश्नरेट पुलिस ने सोना लूटकांड का किया पर्दाफाश

नगर के लालबाग थाना अंतर्गत नई सड़क स्थित आइआइएफएल गोल्ड लोन संस्थान से 10 करोड़ से अधिक रुपये का सोना और साढ़े चार लाख रुपये नकद लूटकांड का कमिश्नरेट पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 06:12 PM (IST)
कमिश्नरेट पुलिस ने सोना लूटकांड का किया पर्दाफाश
कमिश्नरेट पुलिस ने सोना लूटकांड का किया पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, कटक : नगर के लालबाग थाना अंतर्गत नई सड़क स्थित आइआइएफएल गोल्ड लोन संस्थान से 10 करोड़ से अधिक रुपये का सोना और साढ़े चार लाख रुपये नकद लूटकांड का कमिश्नरेट पुलिस ने पर्दाफाश किया है। घटना में शामिल सात आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके पास से 2 किलो से अधिक सोना बरामद किया है।

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पुलिस कमिश्नर डा. सुधांशु षाड़ंगी ने मीडिया को बताया कि इस लूट के लिए संस्थान का ही एक कर्मचारी लाला उर्फ लाला अमृतराय ने तमाम ब्लू प्रिट तैयार किया था। लाला को पकड़ने के पश्चात इसमें शामिल अन्य लोगों के बारे में पुलिस को पता चला। लाला के अलावा पुलिस उसके एक दोस्त किशन नगर इलाके के बापू उर्फ रंजन बेहरा को भी गिरफ्तार किया है। लाला और बापू दोनों का घर किशन नगर थाना क्षेत्र में है और वह दोनों बचपन के दोस्त हैं। हालांकि लूट के दिन दो बाइक में आने वाले चार लुटेरे किशन नगर थाना अंतर्गत विश्वनाथपुर के राज किशोर साहू, बीजू उर्फ प्रकाश साहू, पदिया और प्रदीप्त बेहरा एवं बहूग्राम इलाके का बापी और संतोष भोई को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कटक सीडीए इलाके से और कुछ सोना नाली के अंदर से पुलिस ने बरामद किया है। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, लाला ही इस घटना का मास्टरमाइंड है। वह 4 से 5 साल पहले इस संस्थान में कर्मचारी के तौर पर काम करना शुरू किया था। यहां काम करने के दौरान कई तरह के घोटाला करना शुरू किया। लेकिन चार साल के दौरान वह किसी भी तरह से संस्थान के ऑडिट के दौरान पकड़ में नहीं आया। इसलिए वह बचता रहा। इस साल जो ऑडिट अधिकारी आया था उन्हें लाला के बारे में बहुत कुछ पता चल गया था। ऐसे में लाला खुद को कैसे बचाए, इसी चक्कर में वह अपने दोस्त बापू का सहयोग लेकर अन्य चारों के द्वारा लूट की वारदात को अंजाम दिया। इससे पहले भी लाला और उसके भाई लाला रंजन राय मंगलाबाग थाना अंतर्गत मन्नापुरम गोल्ड संस्थान से एक किलो सोना का हेरफेर किया था और पुलिस लाला के भाई रंजन को गिरफ्तार किया था। लाला का यह रिकॉर्ड आइआइएफएल के अधिकारियों के पास नहीं था। इस कारण वह वहां पर एक के बाद एक घोटाला करता गया।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि 19 नवंबर को जब यह घटना घटी तो पुलिस कमिश्नर डा. सुधांशु षाड़ंगी और कटक डीसीपी प्रतीक सिंह समेत विभिन्न थानों के अधिकारी, •ाोन के एसीपी भी मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन शुरू की थी। इतनी बड़े संस्थान में सीसीटीवी कैमरा ठीक से कार्य नहीं कर रहा था, बंदूकधारी सुरक्षा कर्मचारी कई दिनों से छुट्टी पर था, डिजिटल लॉकर काम नहीं करता था और यहां तक कि सायरन पूरी तरह से नाकाम हो गया था। संस्थान के कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को संदेह हुआ। कुछ कर्मचारियों का कहना था कि वह लुटेरे हिदी में बात कर रहे थे और कुछ का कहना था कि वह ओड़िया में बात कर रहे थे। इसी संदेह के आधार पर जब जांच डीसीपी प्रतीक सिंह के प्रत्यक्ष निगरानी में आगे बढ़ी तो संस्थान का ही कर्मचारी लाला पुलिस के स्केनर में आया। लाला को गिरफ्तार करने के बाद अन्य सभी आरोपितों के बारे में पुलिस को पता चल गया और उन्हें भी दबोच लिया गया। इस घटना की जांच अभी जारी है। सोना कहां-कहां छुपाया है, कितनी मात्रा में सोना संस्थान से लूट हुई थी, इस बारे में अधिक छानबीन पुलिस करने की बात पुलिस कमिश्नर डा. सुधांशु षाड़ंगी ने कही है।


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