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बालीयात्रा मेला, प्लाट दर पर जिच कायम

कटक के ऐतिहासिक बालीयात्रा मेला को महज 14 दिन का समय बचा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 04:34 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 04:34 PM (IST)
बालीयात्रा मेला, प्लाट दर पर जिच कायम
बालीयात्रा मेला, प्लाट दर पर जिच कायम

जागरण संवाददाता, कटक : कटक के ऐतिहासिक बालीयात्रा मेला को महज 14 दिन का समय बचा है। मेला मैदान में प्लाट दर (स्टॉल या दुकान लगाने की जगह) को लेकर पिछले एक सप्ताह से जिला प्रशासन एवं बालीयात्रा व्यापारी संघ के बीच सहमति न होने पाने से खींचतान जारी है। पिछले साल यहां पर प्लाट की कीमत प्रति वर्ग फीट 2 रुपये बढ़ाकर 27 रुपये की गई थी उस समय भी व्यापारी संघ ने इसका विरोध किया था। जिला प्रशासन के साथ चर्चा होने के बाद तत्कालीन जिलाधीश ने तीन साल के लिए बालीयात्रा की प्लाट दर न बढ़ाने का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके इस साल फिर प्लाट की कीमत प्रति वर्ग फीट दो रुपये बढ़ाकर 29 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह कार्पोरेट संस्थानों के लिए प्लाट दर को अलग रखा गया है और उसे भी काफी मात्रा में बढ़ाया गया है। झूला व्यापारियों को दी जाने वाली जगह को नीलाम करने के लिए जिला प्रशासन ने पहली बार कमर कसी है। इस निर्णय का भी बालीयात्रा व्यापारी संघ ने विरोध किया है।

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बालीयात्रा व्यापारी संघ के सचिव सुकांत महांती, देवी प्रसाद दास ने पिछले साल प्लाट दर जितनी तय हुई थी, उसे उतना ही रखने की मांग करते हुए कहा है कि झूला व्यापारियों के लिए जो निर्णय नीलामी के लिए लिया गया है उसे वापस लिया जाए अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा। इन मुद्दों को लेकर विगत 5 नवंबर से बालीयात्रा मेला मैदान के पास व्यापारी संघ के कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे हैं। दूसरी तरफ, छह नवंबर से बालीयात्रा मेला मैदान के पास जिला प्रशासन की ओर से स्थायी कार्यालय बनाने के बावजूद एक भी प्लाट व्यापारी संघ के आंदोलन के चलते बु¨कग नहीं हुई है। इससे जिला प्रशासन समेत व्यापारी संघ की परेशानी बढ़ गई है।

बालीयात्रा मेला जैसे-जैसे नजदीक आ रहा यह ¨चता और बढ़ती जा रही है। यदि इस विवाद का समाधान जल्द नहीं हुआ तो व्यापारियों को काफी दिक्कत होने की बात व्यापारी व्योमकेस कानूनगो ने कही है। जिला प्रशासन से इस मुद्दे को गंभीरता के साथ लेकर तुरंत इसे हल करने की उन्होंने मांग की है। गुरुवार शाम को व्यापारी संघ व जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी, मगर कोई लाभ नहीं हुआ था। हालांकि बालीयात्रा मेला मैदान में प्रशासन की ओर से जमीन की सफाई, चूना लगाने का कार्य, बिजली कार्य आदि किया जा रहा है।


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