बालीयात्रा मेले की सातवीं शाम ओलीवुड गायकों ने बिखेरा जलवा
नगर में चल रहे ऐतिहासिक बालीयत्रा मेला संपन्न होने की कगार पर है।
जागरण संवाददाता, कटक : नगर में चल रहे ऐतिहासिक बालीयत्रा मेला संपन्न होने की कगार पर है। इस मेले की सातवीं शाम को कवि वैष्णव पाणी पंडाल में ओलीवुड के कलाकारों ने अपना जलवा बिखेरा। गायक गुड़ली रथ और उनके साथी कलाकार लिप्सा महापात्र, मानस प्रीतम, बिश्वमोहन कवि ने लोकप्रिय ओड़िया गाने पेशकर दर्शकों का भरपूर मनरंजन किया। इसके उपरांत लोकप्रिय गायक ह्यूमन सागर अपने साथी कलाकारों के साथ मंच पर उतरे और अपने गाये कुछ फिल्मी गीतों को पेशकर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। इससे पूर्व महावीर सांस्कृतिक संस्थान के कलाकारों ने घूमरा नृत्य पेश कर दर्शकों को प्रभावित किया। फिर कोलकाता के कुचिपुड़ी कला माधुरी संस्थान के कलाकारों ने कुचिपुड़ी नृत्य, नृत्य ज्योति अनुष्ठान के कलाकारों ने ओडिशी नृत्य एवं भुवनेश्वर के जे डांस ग्रुप के कलाकारों ने आधुनिक गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को खूब झुमाया।
नौ दिवसीय बालीयात्रा मेले की सातवीं शाम को भी दर्शकों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली। लोग मेले में लगे स्टॉल घूमकर विभिन्न सामान देखने के साथ खरीदारी करते दिखे और ओरमास परिसर में फूड कोर्ट जाकर पारंपरिक पीठा से लेकर राजस्थानी पकवानों का लुत्फ उठाया। इस दौरान मेला घूमने आए लोग दोस्त, रिश्तेदार, सगे संबंधियों के साथ सेल्फी लेना नहीं भूले। 50 एकड़ जमीन में आयोजित इस मेले में हर तरफ रौनक होने से लोग बड़े उत्साह के साथ सेल्फी लेते नजर आए।
आम-ओ-खास ने की महानदी की आरती : जिला प्रशासन की ओर से महानदी की सुरक्षा के लिए हर शाम आरती की जाती है। सोमवार को पुलिस महानिदेशक विजय कुमार शर्मा सहित संत रवींद्र नाथ दास, हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एएस नायडू, डीसीपी अखिलेश्वर सिंह प्रमुख इसमें शरीक हुए और महानदी की आरती की।
इस मौके पर डीजीपी बीके शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होकर मैं बहुत खुश हूं। इससे लोगों में जल प्रदूषण को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। प्रदूषण रोकने को लेकर चलायी जाने वाली यह मुहिम निश्चित तौर पर सराहनीय है। संत रवींद्र नाथ दास ने कहा कि महानदी को ओडिशा की गंगा कहा जाता है। नदी की पूजा अर्चना व साफ सफाई करने से निश्चित तौर पर हम स्वस्थ रहेंगे और इसके द्वारा विश्व में शांति कायम होगी। यह गड़गड़िया घाट पवित्र जगह है। यहां पर प्रभु चैतन्य आए थे ऐसे में इसकी आध्यात्मिकता के नजरिए से भी काफी अहमियत है और आगे निश्चित तौर पर लोग महानदी की पूजा कर इसकी सुरक्षा व बचाव में आगे आएंगे।