पेट से जुड़ी नवजात बच्चियों का हो रहा है इलाज
बच्चियों को शिशु भवन के नवजात विभाग के आइसीयू में रखा गया है। वहीं, जगा-बालिया का इलाज नई दिल्ली स्थित एम्स में चल रहा है।
कटक, जागरण संवाददाता। कोरापुट जिले के सिर से जुड़े जगा-बालिया बंधुओं के बाद अब नयागड़ जिले शरणकुड़ा थाना क्षेत्र के खईड़ापाड़ा गांव की पेट से जुड़ी नवजात बहनों गंगा-जमुना को एक दूसरे से अलग करने के लिए परीक्षण शुरू कर दिया गया है। नवजात बहनें कटक के शिशु भवन में इलाज के लिए भर्ती हैं। दोनों की सेहत ठीक नहीं है। वहीं, जगा-बालिया का इलाज नई दिल्ली स्थित एम्स में चल रहा है।
फिलहाल नवजात बच्चियों की जांच और देखरेख के लिए शिशु भवन की ओर से 12 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जो चौबीस घंटे इनकी निगरानी कर रही है। बच्चियों को शिशु भवन के नवजात विभाग के आइसीयू में रखा गया है। प्रारंभिक तौर पर बच्चियों के शरीर का स्कैन, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे आदि किया गया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि उनके केशरीर का अंदरूनी हिस्सा कैसा है और तमाम अंग किस तरह काम कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही डॉक्टरों की टीम आगे का निर्णय लेगी। इस बीच शिशु भवन के तमाम डॉक्टर बच्चियों की 24 घंटे निगरानी कर एकत्र जानकारी के आधार पर अन्य डाक्टरों से सलाह भी ले रहे हैं।
बच्चियों अस्वास्थ्य होना डाक्टरों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। शिशु भवन के अधीक्षक प्रो. डॉ. सरोज शतपथी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि अभी बच्चियों को अलग करना संभव नहीं है। रिपोर्ट आने के बाद ही सामूहिक रूप से कोई निर्णय लिया जाएगा।
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