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मर्यादा के बिना संघ, संगठन जीवित नहीं रह सकता

नगर में पहली बार आयोजित तेरापंथ धर्मसंघ के 154वें मर्यादा महोत्सव में

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jan 2018 02:59 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jan 2018 02:59 AM (IST)
मर्यादा के बिना संघ, संगठन जीवित नहीं रह सकता
मर्यादा के बिना संघ, संगठन जीवित नहीं रह सकता

जागरण संवाददाता, कटक : नगर में पहली बार आयोजित तेरापंथ धर्मसंघ के 154वें मर्यादा महोत्सव में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। स्थानीय बालीयात्रा मैदान में आयोजित इस महोत्सव में मंगलवार को आचार्य महाश्रमण ने कहा कि विनय है तो संगठन के सदस्यों में सौहार्द रहता है। अनुशासन का डंडा वहां चलता है जहां विनय होता है। विनय है तो आज्ञा का पालन अच्छा हो सकेगा। जैन धर्मसंघ में विनय के संस्कार भी हैं और विनय की परंपरा भी है। ऐसे में हम अपने जीवन में विनय का व्यवहार रखें।

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महाश्रमण जी ने कहा कि मर्यादा के बिना कोई भी संघ, संगठन जीवित नहीं रह सकता है, मर्यादा की नीव तेरापंथ जैन धर्म संघ ने रखी है। आचार्य ने मर्यादा एवं अनुशासन को जीवन में उतारने की प्रेरणा दी। बताया कि सुख का उपाय है विनय और दुख का कारण है अविनय।

इस दौरान मर्यादा महोत्सव समिति के अध्यक्ष मोहन लाल ¨सघी समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि आचार्य महाश्रमण का अगला यानी 2018 का चतुर्मास चेन्नई (मद्रास) में होने से मद्रास से आए आचार्य व्यवस्था समिति के पदाधिकारी रमेश बोरा ने कहा कि आप चेन्नई पहुंचे यही मंगलकामना है। गुरुदेव से निवेदन करते हुए कहा कि चेन्नई चतुर्मास में धवल सेना की संख्या 200 से अधिक हो तो बेहतर होगा। यहां के लोगों से चेन्नई आने एवं चतुर्मास में शामिल होने का अनुरोध किया।


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