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ओडिशा में सपा ने दी राज्य की बिजली कंपनियों को चेतावनी

बिजली कंपनियों के परिवहन संबंधी नुकसान का खामियाजा राज्य की आमजनता को भुगतना पड़ रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 04:11 AM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 02:51 PM (IST)
ओडिशा में सपा ने दी राज्य की बिजली कंपनियों को चेतावनी
ओडिशा में सपा ने दी राज्य की बिजली कंपनियों को चेतावनी

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। बिजली कंपनियों के परिवहन संबंधी नुकसान का खामियाजा राज्य की आमजनता को भुगतना पड़ रहा है। अपनी कार्यशैली को सुधारने के बजाय बिजली कंपनियां विद्युत दर बढ़ाकर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डाल रही हैं, इसका राज्य समाजवादी पार्टी (सपा) कड़ा विरोध करती है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष रवि बेहरा ने बिजली कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अपनी परिवहन संबंधी खामियां को कंपनियां सुधार कर नियमित बिजली सेवा दे एवं आम उपभोक्ता पर भार डालना बंद करें, अन्यथा जन आंदोलन का सामना करने को तैयार रहें।

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बेहरा ने कहा है कि बिजली उत्पादन एवं आवंटन करने वाली कंपनी अपना घाटा दिखाकर 2019-20 वित्तीय वर्ष में बिजली दर वृद्धि करने के लिए ओडिशा इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन (ओइआरसी) के पास आवेदन किया है। उन्होंने कहा है कि 1994-95 में विद्युत सुधार के क्षेत्र में पूरे देश में ओडिशा पहला राज्य था। इस सुधार का उद्देश्य नियमित बिजली सेवा, सस्ती एवं सुलभ दर में ग्राहकों को प्रदान करना एवं बिजली परिवहन संबंधी नुकसान तथा बिजली चोरी रोकना लक्ष्य था। ऐसे में उस समय 300 करोड़ रुपये आíथक क्षति का सामना करने वाले राज्य विद्युत बोर्ड को भंग कर दिया गया और बिजली सेवा का निजीकरण कर दिया गया। अफसोस है कि बिजली सेवा का निजीकरण किए हुए आज 25 साल बीत गए हैं, बावजूद इसके सही ढंग से संचालन न हो पाने, बिजली सेवा में भ्रष्टाचार के चलते कंपनियों का नियमित आíथक घाटा बढ़ता जा रहा है। इस घाटे को पूरा करने के लिए बिजली कंपनियां ग्राहकों पर हर साल विद्युत शुल्क बढ़ाकर अपने नुकसान की भरपाई करने का प्रयास कर रही हैं।

बिजली कटौती एवं गुणवत्ता बिजली देने में विफल ये कंपनियां बिजली चोरी एवं परिवहन संबंधी नुकसान को रोकने में विफल हुई हैं। बेहरा ने कहा कि एक यूनिट परिवहन संबंधी नुकसान को रोका जाए तो 75 करोड़ रुपये सालाना आर्थिक नुकसान की भरपाई हो सकती है। आज भी ओडिशा में परिवहन संबंधी नुकसान लगभग 40 प्रतिशत है। इसके चलते बिजली कंपनियों पर सालाना 3 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आíथक भार पड़ रहा, जिसे ग्राहकों पर लाद दिया जा रहा है। ओडिशा में बिजली उत्पादन होता है मगर गर्मी को तो छोड़ दीजिए बारिश एवं ठंड के महीने में भी ग्राहकों को पावर कट का सामना करना पड़ रहा है।


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