ओडिशा में लोकायुक्त नियुक्ति को आगे बढ़ी राज्य सरकार
ओडिशा में लोकायुक्त की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने लोकायुक्त चयन के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है।
जासं, भुवनेश्वर : ओडिशा में लोकायुक्त की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने लोकायुक्त के चयन के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। जस्टिस अमिताभ राय की अध्यक्षता में गठित इस समिति में मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, नेता प्रतिपक्ष प्रमुख सहित प्रोफेसर वेंकट राव, संजीव होता, रविनारायण बोहिदर, पूर्व डीजी गोपाल नंदा, डॉ. विधुभूषण सामल व प्रोफेसर स्निग्धा पटनायक को सदस्य के रूप में शामिल किया गया हैं।
लोकायुक्त चयन समिति के संयोजक अशोक मीणा ने बताया कि एक महीने के भीतर समिति लोकायुक्त के नाम पर अपनी रिपोर्ट देगी। सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार को उस समय झटका दिया था जब राज्य सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर करके लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर तीन माह का समय मांगा था जिसे खारिज कर दिया गया था।
ओडिशा देश का पहला राज्य है जिसने लोकायुक्त नियुक्त पर सबसे पहले विधेयक पारित कराया था। ओडिशा की ही तरह 12 राज्य और हैं जहां पर विधेयक पारित किया गया था। छह अक्टूबर को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पांचवें सदस्य का नाम तय कर लिया था। इसी समिति को लोकायुक्त व समिति के अन्य सदस्यों का नाम तय करना था। विजिलेंस और क्राइम ब्रांच भी लोकायुक्त जांच के दायरे में आ गए हैं। नियुक्ति के बाद ओडिशा का लोकायुक्त काफी मजबूत होगा। मुख्यमंत्री मंत्री, विधायक, पंचायत समिति, विजिलेंस, क्राइमब्रांच, नगर निकाय कर्मी व अधिकारी तथा विदेशी सहायता पाने वाले एनजीओ भी इसके दायरे में होंगे। भ्रष्टाचार का मामला साबित होने पर जेल भेजा जा सकता है।