Move to Jagran APP

परी मृत्यु मामले को लेकर ओडिशा विधानसभा में जमकर हुआ हंगामा: सदन की कार्यवाही मुलतवी

Odisha Legislative Assembly विधानसभा शीत अधिवेशन परी मृत्यु प्रसंग को लेकर जोरदार हंगामा हुआ जिसके बाद परेशान होकर विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र ने सदन की कार्यवाही को पहले 20 मिनट फिर अपराह्न 3 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 02:14 PM (IST)
परी मृत्यु मामले को लेकर ओडिशा विधानसभा में जमकर हुआ हंगामा: सदन की कार्यवाही मुलतवी
परी मृत्यु मामले को लेकर ओडिशा विधानसभा में हंगामा

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। विधानसभा शीत अधिवेशन में आज सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही परी मृत्यु प्रसंग को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही विरोधी पार्टी के विधायक सदन में हो हल्ला करने के साथ ही कृषि मंत्री अरुण साहू के इस्तीफे की मांग की। बैनर दिखाकर भाजपा के विधायक प्रतिवाद किए। कृषि मंत्री के खिलाफ कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी किया। इससे परेशान होकर विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र ने सदन की कार्यवाही को मुलतवी घोषित कर दिया। 

loksabha election banner

  भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने मंत्री अरूण साहू को बहिष्कार करने की मांग की है। भाजपा विधायक ने कहा है कि यदि मंत्री को बहिष्कार नहीं किया गया तो हम सदन को नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए क्राइमब्रांच जांच का निर्देश भर दे देने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि इससे पहले भी इस तरह के कई बार निर्देश दिए गए हैं मगर कोई लाभ नहीं हुआ है। भाजपा के विधायकों ने बंधुआ मजदूर प्रसंग पर भी राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया। भाजपा विधायकों ने कहा कि बंधुआ मजदूरी समस्या सबसे बड़ी महामारी है। इन मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और वे भगवान भरोसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इनकी समस्या पर ध्यान देने के लिए भाजपा विधायकों ने सरकार से मांग की है। इस प्रसंग पर भाजपा ने मुलतवी प्रस्ताव भी लाया है, जिस पर सदन में श्रम मंत्री सुशांत सिंह आज जवाब रखेंगे। इसके साथ ही आज बजट खर्च को लेकर भी चर्चा होनी है। इसके अलावा आपदा संचालन विभाग की खर्च मांग पर भी चर्चा होनी है। 

  यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले नयागड़ परी मृत्यु प्रसंग पर केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। केन्द्र मंत्री प्रधान ने कहा है कि सदन में गृह राज्य मंत्री की टिप्पणी दुखदायक है। इसके साथ ही 4 महीने से चलने वाली जांच पर भी केन्द्र मंत्री ने सवाल किया है। प्रधान ने कहा कि जो लोग जांच कर रहे थे, वे कर क्या रहे थे। क्यों पीड़िता के माता-पिता विधानसभा के सामने आत्मदाह करने को मजबूर हुए। केन्द्र मंत्री ने कहा है कि वर्तमान समय में राज्य में छोटे बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। जो लोग दोषी हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अन्यथा समाज में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.