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Odisha Flood: ओडिशा में बाढ़ से 17 की मौत, 20 जिलों के 1432701 लोग प्रभावित

Odisha Flood ओडिशा में बाढ़ से सत्रह लोगों की मौत हो गई। लगभग 10382 घर क्षतिग्रस्त हो गए। 20 जिलों के 3256 गांवों में बाढ़ के कारण कुल 1432701 लोग प्रभावित हुए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 07:21 PM (IST)
Odisha Flood: ओडिशा में बाढ़ से 17 की मौत, 20 जिलों के 1432701 लोग प्रभावित
Odisha Flood: ओडिशा में बाढ़ से 17 की मौत, 20 जिलों के 1432701 लोग प्रभावित

जासं, भुवनेश्वर। Odisha Flood: ओडिशा में बाढ़ से 20 जिले के 112 ब्लाक के लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 10 हजार 382 घर गिर चुके हैं। 896 पंचायतों के 3256 गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राज्य के 21 पौरांचल व 75 वार्ड भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है। बाढ़ से 14 लाख 32 हजार 701 लोग प्रभावित हुए हैं। अभी भी 340 गांव पानी के घेरे में है। 2 लाख 65 हजार 723 लोग अभी भी पानी के घेरे में रह रहे हैं। यह जानकारी रविवार को विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 357 जगहों पर मुफ्त में खाद्य दिया जा रहा है। 57 हाजर 824 लोगों को सहायता प्रदान की गई है।

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बाढ़ से प्रभावित इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया करने के लिए 45 मेडिकल टीम को नियोजित किया गया है तो वहीं पशुओं के इलाज केलिए 42 टीम नियोजित की गई है। बाढ़ के कारण 1 लाख 68 जार 904 हेक्टेयर जमीन में लगी फसल बर्बाद हो गई है। उद्धार एवं राहत कार्य में एनडीआरएफ की 14 टीम, ओड्राफ की 17 टीम, दमकल विभाग की 22 टीम नियोजित की गई है। 254 नाव के जरिए बाढ़ में फंसे लोगों को उद्धार किया जा रहा है। 11 जिले में 107 मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। 5 जिले में 32 जगहों पर घाई बनी है।

जरूरत पड़ी तो खोले जा सकते हैं हीराकुद जल भंडार के और दो गेट

ओडिशा में हीराकुद जल भंडार के 46 गेट के जरिए जल निकासी की जा रही है, जरूरत पड़ेगी तो और दो गेट खोले जा सकते हैं। ऐसे में 12 से 15 घंटे हम सबके लिए काफी महत्वपूर्ण है, जिसके लिए जिला प्रशासन को सतर्क रहने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह बात रविवार को भुवनेश्वर राजीव भवन में आयोजित बाढ़ की समीक्षा बैठक के बाद विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने मीडिया से कही है। समीक्षा बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव अनु गर्ग तथा विभाग के सर्वोच्च इंजीनियर ज्योर्तिमय रथ प्रमुख उपस्थित थे। प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने कहा है कि हीराकुद जल भंडार में प्रति सेकेंड 8 लाख 20 हजार घनफुट जल प्रवेश कर रहा है। 46 गेट से प्रति सेकेंड 7 लाख 65 हजार घन फुट जल की निकासी की जा रही है।

हीराकुद के 46 गेट खोले गए हैं जरूरत पड़ने पर और दो गेट खोले जा सकते हैं। कटक मुंडली में वर्तमान समय में 10 लाख घनफुट जल प्रवाहित हो रहा है। मुंडली का पानी समुद्र में पहुंचने में 12 से 15 घंटे का समय लगेगा और यही समय हम सबके लिए महत्वपूर्ण है। इस समय के दौरान हमें अधिक तर्क रहना होगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। खुर्दा, पुरी, कटक, केन्द्रापड़ा, जाजपुर, नयागड़ जिले के अधिकारियों एवं लोगों को सतर्क रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं। वहीं बाढ़ के प्रभाव से प्रदेश की विभिन्न नदियों में 32 जगहों पर घाई बन गई है। केवल जाजपुर जिले में 24 जगहों पर घाई बनी है। महानदी सिस्टम में भी दो जगहों पर घाई बनने की जानकारी जल संशाधन विभाग के सर्वोच्च इंजीनियर ज्योर्तिमय रथ ने दी है। हालांकि प्रदीप जेना ने कहा है कि सुवर्णरेखा, बैतरणी एवं ब्राह्मणी नदी में बाढ़ की स्थिति में सुधार आ रहा है।

इन नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है और ये नदियां अब खतरे के निशान के नीचे प्रवाहित हो रही हैं। रेंगाली डैम के तीन गेट को बंद कर दिया गया है। अन्य एक गेट को भी बंद करने पर विचार किया जा रहा है। मुण्डली में 10 लाख क्यूसेक से अधिक जल प्रवाहित नहीं होगा। सोमवार सुबह तक 10 लाख क्यूसेक जल प्रवाहित होगा। इसके बाद धीरे-धीरे जल का प्रवाह कम हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि हीराकुद जल भंडार में छत्तीसगढ़ से पानी आना अब कम हो गया है। एक दिन पहले महानदी में साढ़े 9 लाख क्यूसेक जल आ रहा था जबकि आज 7 लाख क्यूसेक जल आ रहा है। उन्होंने बताया कि 7 लाख क्यूसेक जल प्रवाहित होने से ही दया एवं भार्गवी नदी में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो जाती है, जो देखी भी जा रही है। इन दोनों नदियों के कारण पुरी जिले के कणास, डेलांग के कई गांव फिलहाल जलमग्न हो गए हैं। दया नदी में 2 तथा राजुआ नदी में एक घाई बन गई है। पानी के कम होते ही घाई की मरम्मत की जाएगी। 


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