ओडिशा में हुई एक दर्दनाक घटना में दो हाथियों की मौत, एक घायल
ओडिशा में ट्रक की टक्कर से दो हाथियों की मौत हो गई जबकि एक हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया।ये घटना उस समय हुई जब हाथियों का एक झुंड रास्ता पार कर रहा था।
भुवनेश्वर, जेएनएन। केन्दुझर जिला अन्तर्गत 20 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार देर रात को घटगां वन क्षेत्र के अन्तर्गत बालीजोड़ी में ट्रक की टक्कर में दो हाथियों की मौत हो गई जबकि एक हाथी के बुरी तरह से घायल होने की खबर मिली है। मरने वाले हाथियों में एक मादा हाथी है जबकि एक बच्चा है। अन्य एक मादा हाथी गम्भीर रूप से घायल हुई है।
खबर के मुताबिक 10 हाथियों का एक झुंड रास्ता पार कर रहा था कि उसी समय एक ट्रक ने उन्हें धक्का मार दिया। हाथियों की चित्कार सुनने के बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम ने एक ट्रक को जब्त करने के साथ उसके हेल्पर को गिरफ्तार कर लिया है। घायल हाथी का इलाज किया जा रहा है, जानकारी के मुताबिक उक्त हाथी का पैर टूट गया है।
रेल दुर्घटना में चार हाथियों की मौत
पिछले वर्ष 26 अप्रैल की सुबह हावड़ा-मुंबई रेल पथ में अघरिया, बागडीही के पास हावड़ा-मुंबई मेल से चार हाथियों की मौत हो गई थी। वन विभाग की अवहेलना हो या हाथी कॉरिडोर में ट्रेन की गति कम नहीं करने के कारण ही चार हाथियों की जान गई थी। उक्त घटना में वन विभाग ने रेल विभाग को जिम्मेदार मानकर चालक व सहचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
उक्त घटना के दिन हावड़ा-मुंबई में बिलासपुर डिवीजन के लोको पायलट एमसीएल खरबेल व सहायक यूडी बारिक तथा गार्ड पी महेश्वर ड्यूटी में थे। अब मुख्य सचिव के द्वारा रेल विभाग के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने का निर्देश आने के बाद वन विभाग चिंता व पशोपेश में पड़ गया है।
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बीमार हाथी पर ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन
कोलाबीरा वन क्षेत्र के झिरलापाली पंचायत के जटियाडीही गांव में अस्वस्थ बूढ़ा हाथी इधर-उधर भटक रहा है। पिछले एक महीने तक लैयकरा ब्लाक अंचल में भटकने के बाद अब यह हाथी कोलाबीरा वन क्षेत्र में है लेकिन इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। पीछे के दोनों पैर खराब होने की वजह से चलने फिरने में असमर्थ उक्त हाथी का ग्रामीण किसी तरह चावल, धान खिलाकर पेट भर रहे हैं।
इस संबंध में ग्रामीणों को कहना है कि बीमार हाथी की सुधि लेने अब तक वन विभाग का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा है जोकि वन्य जीव संरक्षण के प्रति घोर उदासीनता है। बीमार हाथी की देखरेख व उसके खाने पीने की व्यवस्था वन विभाग को करने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है।