सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में अटल जी को किया नमन
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की याद में भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुक्रवार शाम आयोजित सर्वदलीय सर्वजन स्मृति सभा में राजनीति और पार्टी से ऊपर उठ सभी लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की याद में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शुक्रवार की शाम स्थानीय प्रदर्शनी मैदान में आयोजित सर्वदलीय, सर्वजन स्मृतिसभा में राजनीति और पार्टी से ऊपर उठकर विभिन्न दलों एवं संगठन के लोगों ने भाग लिया और श्रद्धांजलि अíपत की। श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक के अलावा बीजू जनतादल के तमाम वरिष्ठ नेता एवं मंत्री के साथ अन्य पार्टी के नेता समेत अन्य लोग उपस्थित थे। सूर्यनारायण पात्र, डा. दामोदर राउत, विक्रम केशरी आरूख, डा. प्रसन्न पाटशाणी, प्रियदर्शी मिश्र भी श्रद्धांजलि सभा में नजर आए।
सर्वप्रथम भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री विश्व भूषण हरिचन्दन ने अटल जी को याद करते हुए देश को दुनिया में पहचान दिलाने के लिए किए गए परमाणु परीक्षण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब अटल जी ने अमेरिका के प्रभुत्व को नजरअंदाज करते हुए देश को परमाणु संपन्न देशों की सूची में शामिल किया। वह विश्वस्तरीय नेता थे।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वाजपेयी जी के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि मेरे लिए उनका जाना व्यक्तिगत क्षति है। वह सिद्धांतवादी नेता थे। वाजपेयी जी ओडिशा वासियों के हृदय में और ओडिशावासी उनके हृदय में वास करते थे और करते रहेंगे। वाजपेयी जी गणतंत्र के सच्चे प्रहरी थे। वह सहनशीलता के प्रतीक थे।
निरंजन पटनायक ने कहा कि भारतीय राजनीति के अद्वितीय ध्रुव तारा थे। ध्रुव तारा को स्मरण कर हम आज सब पार्टी से ऊपर उठकर आज उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वाजपेयी जी लोगों के लिए अच्छे प्रधानमंत्री थे। वाजपेयी दार्शनिक कवि एवं राष्ट्रवादी नेता थे। वह अजातशत्रु थे। उनका निधन देश और हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। विरोधी दल नेता नर¨सह मिश्र ने कहा कि वाजपेयी जी अजातशत्रु थे, जिसका कोई विरोधी नहीं था। उन्होंने अपने छात्र जीवन से राजनीतिक जीवन काल में प्रधानमंत्री से मिलने के संदर्भ का वर्णन करते हुए अटल जी के योगदान को याद करते हुए कहा वह विरोधी दल को सदैव सम्मान देते थे। वह सदैव ओडिशावासियों के सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते थे। वह गणतंत्र पर विश्वास करते थे और विरोध दल को सदैव सम्मान देते थे। विरोधी दल की युक्ति ठीक होने पर उसे वह ग्रहण करते थे।