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मुर्गा भात के लिए तीन दिन घर पर सड़ता रहा महिला का शव

पिता ने दूसरे संप्रदाय की महिला के साथ शादी कर ली थी जिसका खामियाजा बेटा व मृत बहू को भुगतना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 05:32 PM (IST)
मुर्गा भात के लिए तीन दिन घर पर सड़ता रहा महिला का शव
मुर्गा भात के लिए तीन दिन घर पर सड़ता रहा महिला का शव

जासं, भुवनेश्वर : पिता ने दूसरे संप्रदाय की महिला के साथ शादी कर ली थी जिसका खामियाजा बेटा व बहू के शव को भुगतना पड़ा। मृत बहू को कंधा देने के लिए समाज से कोई न आने की वजह से तीन दिन तक उसका शव घर पर पड़ा रहा। जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार को पुलिस के हस्तक्षेप करने के बाद परिवार वालों ने शव को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया। घटना मयूरभंज जिला के कुलिअणा थाना क्षेत्र के कुचेई गांव की है।

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कुचेई गांव के सुनाराम सोरेन ने वर्षो पहले दूसरे संप्रदाय की महिला के साथ शादी की थी। इससे बिरादरी के लोगों ने सुनाराम को समाज से बहिष्कृत कर दिया था। उनका कहना था कि समाज की जो परंपरा है उसके मुताबिक यदि वह फिर से बिरादरी में शामिल होना चाहता है तो समाज के लोगों को पण (जुर्माना) देना होगा। जुर्माना कथित रूप से में तीन मुर्गा, 15 किलो चावल, शराब व बाकी कुछ सामान है। लेकिन सुनाराम गरीब था इसलिए अब तक वह पण चुका नहीं पाया है। 10 साल पहले उसके बेटे कांदरा सोरेन ने पार्वती सोरेन के साथ प्यार करके शादी रचाई। दोनों का एक बेटा है। तीन दिन पहले पार्वती अस्वस्थ हो गई। कांदरा उसे अस्पताल ले गया जहां चिकित्सक ने कह दिया कि पार्वती स्वस्थ नहीं हो पाएगी उसे घर ले जाओ। कांदरा उसे घर ले आया जहां उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद जब कांदरा अपने समाज के लोगों को शव को श्मशान घाट पहुंचाने के लिए कंधा देने के लिए कहा तो उन्होने साफ इनकार कर दिया और कहा कि पण नहीं दिये हो इसलिए कंधा देने के लिए कोई नहीं जाएगा। पण की जो सूची है उसके मुताबिक यह मामला 20 हजार रुपये के आस-पास हो जाता। इतने पैसे कांदरा के पास नहीं थे। वह अकेला शव को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाना संभव नहीं था।

शव घर में पड़े सड़ने के बाद दुर्गध की वजह से सूचना थाने तक पहुंची व कुलिआणा थाने से पुलिस कर्मियों ने गांव पहुंचकर शव को परिजनों के साथ मिलकर श्मशान घाट तक पहुंचाया जिसके बाद पार्वती का अंतिम संस्कार हो सका।


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