नहीं तोड़े जाएंगे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के रथ; पूरी होगी भक्तों की अभिलाषा
कोरोना संकट के कारण इस साल भक्त विहीन रथ यात्रा का आयोजन हुआ था जिसे देखते हुए रथों को सुरक्षित रखे जानी की व्यवस्था की जा रही है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के कारण इस साल भक्त विहीन रथयात्रा का आयोजन किया गया था। ऐसे में श्रद्धालु बड़दांड में आकर रथ पर विराजमान महाप्रभु के दर्शन नहीं कर पाये थे। रथ छूने का सौभाग्य भी इस बार भक्तों को नहीं मिला। ऐसे में श्रद्धालुओं को रथ का दर्शन कराने के उद्देश्य से श्रीविग्रहों के तीनों रथ को संजोकर रखा जाएगा। इस साल रथयात्रा में प्रयोग होने वाले तीनों रथों को तोड़ा नहीं जाएगा। इन रथों को महाप्रभु के प्रमोद उद्यान जगन्नाथ बल्लभ में सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है।
जगन्नाथ बल्लभ में स्थान माप-तोल करने के बाद तीनों रथों को खोला जाएगा। रथ निर्माण स्थल (रथखला) से रथ के विभिन्न अंश को खोलकर जगन्नाथ बल्लभ में पुन: किस प्रकार से जोड़ा जाएगा उस संदर्भ में विश्वकर्मा महाराणा एवं भोई सेवकों के साथ श्रीमंदिर संचालन कमेटी चर्चा कर रही है। छत्तीसा निजोग की बैठक में भी इस पर चर्चा की गई है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण इस साल भक्त विहीन रथयात्रा की गई थी। केवल सेवक एवं पुलिस कर्मचारी की उपस्थिति में रथ को खींचा गया था। भक्त ने अपने घरों में बैठकर टीवी के माध्यम से महाप्रभु की रथयात्रा को देखा था। ऐसे में भक्त इस बार ना ही रथ की रस्सी को छू सके और ना ही रथ को। अब श्रीमंदिर संचालन कमेटी ने भक्तों की इसी अभिलाषा को पूर्ण करने के उद्देश्य से तीनों रथों को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है।