Move to Jagran APP

इस राज्‍य सरकार में नहीं है भ्रष्ट अधिकारियों की जगह, 60 की गयी नौकरी; 22 की पेंशन बंद

नवीन सरकार में नहीं भ्रष्ट अधिकारियों की जगह एक साल में 60 अधिकारियों की हो चुकी है नौकरी से छुट्टी 17 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट लेटर तो 22 अधिकारियों की पेंशन बंद।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 03:03 PM (IST)
इस राज्‍य सरकार में नहीं है भ्रष्ट अधिकारियों की जगह, 60 की गयी नौकरी; 22 की पेंशन बंद
इस राज्‍य सरकार में नहीं है भ्रष्ट अधिकारियों की जगह, 60 की गयी नौकरी; 22 की पेंशन बंद

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। सरकारी नौकरी कर रहे हैं और घूस लेने या भष्टाचार करने की आदत है तो सावधान हो जाइए, वरना आपकी नौकरी से छुट्टी होनी तय है क्योंकि प्रदेश भर में अब 5टी का अस्त्र घूम रहा है और नीति, नैतिकता एवं ईमानदारी भूलने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई जारी है। इसी के तहत एक साल के अन्दर 60 अधिकारियों को नौकरी से बहिष्कृत कर दिया गया है, जिसमें से 17 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट पत्र पकड़ा दिया गया है। इसके अलावा 22 अधिकारियों की पेंशन बंद कर दी गई है। 

loksabha election banner

जबरन रिटायरमेंट देने पर  बाबुओं में हड़कंप

कोरापुट जिले के पूर्व कृषि अधिकारी प्रदीप कुमार महांती को जबरन रिटायरमेंट देने के बाद एक बार फिर सरकारी कर्मचारी एवं बाबुओं में हड़कंप मच गया है। 2 जुलाई को सतर्कता विभाग के हाथ प्रदीप पकड़े गए थे। उप निदेशक स्तर के इस अधिकारी के पास से सतर्कता विभाग ने 11 लाख रुपया कैसे जब्त किया था। इस राशि का हिसाब प्रदीप नहीं दे पाए थे। इसके बाद कोरापुट एवं भुवनेश्वर आवास के ऊपर भी छापामारी की गई थी। भ्रष्टाचार प्रमाणित होने के बाद उन्हें जबरन रिटायर का पत्र मुख्यमंत्री ने पकड़ा दिया है। उनके खिलाफ हुई कार्रवाई पर जिले के किसानों ने खुशी जाहिर की है।

एक साल में 99 बाबुुुुुुओं पर चला फाइव टी अस्त्र 

जानकारी के मुताबिक एक साल में 99 बाबू के ऊपर फाइव टी अस्त्र चला है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेन्स सरकार अपना रही है। 2000 से ओडिशा में शासन की बागडोर सम्भालने के बाद से ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस नीति के तहत काम कर रहे हैं।  नैतिकता एवं ईमानदारी के खिलाफ जाकर जो भी काम कर रहा है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। 2019 अगस्त इस साल अगस्त महीने के बीच भ्रष्टाचार एवं नैतिकता का उल्लंघन करने के आरोप में 60 अधिकारियों को नौकरी से बहिष्कृत कर दिया गया है। 17 लोगों को जबरन रिटारयमेंट लेटर पकड़ा दिया गया है। 22 अधिकारियों की रिटायरमेंट के बाद पेंशन को बंद कर दिया गया है।

बड़े अधिकारी भी फंसे 5 टी जाल में 

प्रदेश में जहां पहले छोटे अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार के जाल में फंसते थे मगर कुछ महीने से बड़े अधिकारी फाइव टी की जाल में फंस रहे हैं। आइएएस अधिकारी विजय केतन उपाध्याय को भ्रष्टाचार के आरोप में सरकार ने निलंबित किया था। हाल ही में चिलिका डीएएफओ एवं राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव को सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरी तरफ बहिष्कृत होने वाले अधिकारियों के बीच 5 से अधिक इंजीनियर, प्रधान शिक्षक, राजस्व निरीक्षक, पंचायत कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.