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Cyclone Sitarang: चक्रवात के ओडिशा के तट से इसे टकराने की सम्भावना कम, प.बंगाल एवं बांग्लादेश की ओर बढ़ा तूफान

Cyclone in Odishaइस चक्रवात का ओडिशा पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 22 तारीख इसे गहरे दबाव में तब्दील होने की सम्भावना है। 25 अक्टूबर को यह पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश के समीप समुद्र में पहुंचेगा।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 20 Oct 2022 02:29 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2022 02:29 PM (IST)
Cyclone Sitarang: चक्रवात के ओडिशा के तट से इसे टकराने की सम्भावना कम, प.बंगाल एवं बांग्लादेश की ओर बढ़ा तूफान
Cyclone Sitarang: चक्रवात का ओडिशा पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में पिछले कुछ दिनों से चक्रवात को लेकर बने माहौल के बीच अब एक अच्छी खबर सामने आयी है। उत्तर अंडमान सागर एवं निकटवर्ती इलाके में बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात में तब्दील होगा अब यह स्पष्ट हो गया है। हालांकि इस चक्रवात का ओडिशा पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि चक्रवात के ओडिशा तट से टकराने की सम्भावना कम है।

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भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक, मृत्युंजय महापात्र ने जानकारी दी है कि चक्रवात ओडिशा के तटीय क्षेत्र के रास्ते पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की तरफ बढ़ जाएगा। ऐसे में ओडिशा के तट से इसे टकराने की सम्भावना कम है।

गहरे दबाव में तब्दील होने की सम्भावना

आईएमडी डीजी मृत्युंजय महापात्र ने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता के जरिए जानकारी दी है कि चक्रवात के प्रभाव से उत्तरी अंडमान सागर और आसपास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। यह धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 22 तारीख इसे गहरे दबाव में तब्दील होने की सम्भावना है। बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के पास दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में गहरा दबाव बनेगा, जो कि पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा।

23 तारीख को यह गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगा। 24 तारीख को यह दिशा बदलेगा और उत्तर की ओर मुड़ जाएगा तथा चक्रवात में तब्दील हो जाएगा। चक्रवात में तब्दील होने के बाद यह उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ेगा।

चक्रवात के ओडिशा तट से गुजरने की सम्भावना नहीं

इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि चक्रवात के ओडिशा तट से गुजरने की सम्भावना नहीं है। ओडिशा के तट से गति करते हुए पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट की तरफ आगे बढ़ेगा। 25 अक्टूबर को यह पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश के समीप समुद्र में पहुंचेगा। इस तूफान का ज्यादा प्रभाव पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश में पड़ने की सम्भावना है।

हालांकि इसकी तीव्रता का अभी पता नहीं चला है। इसका स्वरूप तब और अधिक स्पष्ट होगा जब यह गहरे दबाव में बदल जाएगा। इसके प्रभाव से ओडिशा के तटीय जिलों में 24 और 25 तारीख को वर्षा होगी।

समुद्र में न जाएं मछुआरे

तूफान के प्रभाव से दक्षिण और मध्य बंगोप सागर 21 अक्टूबर से अशांत हो जाएगा। इसलिए मछुआरों को इस समय समुद्र में नहीं जाना चाहिए। जो चले गए हैं उन्हें वापस किनारे पर आ जाना चाहिए। ओडिशा तट के पास 23 अक्टूबर को समुद्र अशांत रहेगा। हवा की गति धीरे-धीरे बढ़ेगी और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच जाएगा।

तूफान से निपटने के लिए आपात बैठक

हालांकि संभावित तूफान से निपटने के लिए मुख्य सचिव ने आज एक आपात बैठक की है। इस बैठक में एसआरसी समेत वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए हैं। एसआरसी ने 7 उपकुल जिलों को प्रभावित होने के लिए पत्र लिखा है। वे जिले हैं गंजाम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, भद्रक और बालेश्वर जिला शामि है। उन्हें 23 व 24 को दिन की छुट्टी रद्द कर जिला मुख्यालय पर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

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