Konark Sun Temple: विश्व प्रसिद्ध कोणार्क को मिलेगा नया रूप, विकास के लिए सरकार ने तैयार की रूपरेखा
Konark Sun Templeओडिशा सरकार ने कोणार्क क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए खास योजना तैयार की है। विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर की सुरक्षा के साथ ही इसके रखरखाव और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 5टी कार्यक्रम के अधीन यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। श्रीक्षेत्र धाम पुरी को विश्व ऐतिहासिक नगरी के तौर पर विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। इसी कार्यक्रम के अंश स्वरूप कोणार्क क्षेत्र के विकास के लिए भी सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। कोणार्क इलाके की आधारभूमि को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। कोणार्क सूर्य मंदिर (Konark Sun Temple) की गरिमा की सुरक्षा, पर्यटकों के लिए नई अनुभूति, स्थानीय व्यवसायियों का आर्थिक विकास तथा कोणार्क के साथ पुरी जिला एवं पूरे राज्य के पर्यटन स्थल का विकास करना ही इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है।
सन 1984 में यूनेस्को ने कोणार्क को विश्व विरासत की मान्यता दी है। विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर की सुरक्षा के साथ ही इसके रखरखाव तथा यहां पर अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार अपने 5टी कार्यक्रम के अधीन यह प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है।
बनेगा कोणार्क एंट्री प्लाजा
इस प्रोजेक्ट के तहत प्रवेश स्थल पर पर्यटकों के स्वागत करने के लिए कोणार्क एंट्री प्लाजा बनाया जाएगा एवं वाहनों के पार्किंग के लिए मल्टी मॉडल हब निर्माण किया जाएगा। उसी तरह से कोणार्क मुक्ताकाश रंगमंच को और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा। क्षेत्र में सौंदर्यीकरण के साथ पैदल चलने वालों के लिए विशेष रास्ता भी बनाया जाएगा। कोणार्क योजना से स्थानीय लोगों का विकास होने के साथ ही विरासत का संरक्षण हो पाएगा तथा दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह स्थल आकर्षण का केंद्र बनने की जानकारी उच्च स्तरीय कमेटी ने मुख्यमंत्री को दी है।
भुवनेश्वर से कोणार्क तक बनाएं जाएंगे पॉइंट
ऐसे में कोणार्क मंदिर के चारों तरफ इलाके को विकसित करने के साथ ही प्राचीन विरासत को इस विकास में समायोजित करने पर बल दिया गया है। साढ़े तीन किलोमीटर बाहरी रिंग रोड को छह लेन बनाया जाएगा। मंदिर को जाने वाले सभी मार्ग को विकसित कर यात्रियों को लाने ले जाने के लिए भुवनेश्वर से कोणार्क तक पॉइंट बनाए जाएंगे। मंदिर के सामने मौजूद 30 एकड़ जमीन को पूरी तरह से खुला रखने के साथ ही लैंडस्कैपिंग की जाएगी। इस संदर्भ में विस्तार रूप से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को राज्य आपूर्ति विभाग की तरफ से जानकारी दी गई है। इतना ही नहीं सरकार की इस योजना के संदर्भ में स्थानीय लोगों से भी 21 दिन के अंदर मतामत लिए जाएंगे। इस संदर्भ में हुई बैठक का संचालन मुख्यमंत्री के सचिव वीके पांडियन ने किया और आपूर्ति विभाग के सचिव ने विकास की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। बैठक में विभागीय मंत्री तुषार कांति बेहेरा, मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।