ओडिशा में भारी बारिश की संभावना, मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत
राज्य के तटीय जिलो में 70 से 80 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी हवा, भारी बारिश की चेतावनी
भुवनेश्वर, जेएनएन। दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब धीरे-धीरे सक्रिय होने लगा है, जो कि आगामी 24 घंटे में पूरी तरह से सक्रिय होकर आगामी 48 घंटे में साइक्लोन में तब्दील हो जाएगा, जिसके प्रभाव से समुद्र अशांत रहने के साथ राज्य तमाम तटीय जिलों में 70 से 80 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ भारी बारिश होने की सम्भावना सोमवार को स्थानीय मौसम विभाग की तरफ से जतायी गई है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कम दबाव एवं साइक्लोन के प्रभाव के चलते राज्य के तटीय जिलों में मंगलवार से ही बारिश शुरू हो जाएगी। आगामी 48 घंटे में राज्य में भारी होगी, समुद्र पूरी तरह से अशांत रहेगा। मंगलवार शाम से ही इसका असर तटीय जिलों में दिखाई देने लगेगा। मछुआरों को आज से ही समुद्र में न जाने की हिदायत दे दी गई है। इसके अलावा जो मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए अन्दर तक चले गए हैं उन्हें शाम तक वापस आ जाने को निर्देश दिया गया है। इसका असर पड़ोसी राज्य अांध्र प्रदेश में भी देखा जाएगा।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र फिलहाल गोपालपुर से 720 किमी. की दूरी पर है, जिसका प्रभाव अगले 24 घंटे से ही राज्य के तटीय जिलों में दिखना शुरू हो जाएगा, जो कि अगले 72 घंटे तक रहेगा। 10 अक्टूबर से सभी तटीय जिलो पुरी, गंजाम, केन्द्रापड़ा, कटक, भद्रक, बालेश्वर, कंधमाल, बौद्ध आदि जिलों में भारी बारिश होगी। अगले 48 घंटा में कम दबाव का क्षेत्र साइक्लोन में तब्दील होने की सम्भावना है। ऐसे में इस समय के दौरान मछुआरों को समुद्र के अन्दर नहीं जाने की सलाह दी गई है।
यहां उल्लेखनीय है कि ओड़िशा से मानसून विदा होने के बाद दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र एवं उसे साइक्लोन में दब्दील होने की सूचना मौसम विभाग की तरफ से जारी किए जाने के बाद लोगों की मुसीबत एक बार फिर बढ़ गई है।