डीएमएफ संचालन में गड़बड़ी को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन
प्रधानमंत्री खदान क्षेत्रीय कल्याण योजना अंतर्गत जिला खदान प्रतिष्ठान (डीएमएफ) के संचालन में गड़बड़ी को लेकर राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।
जासं, भुवनेश्वर : प्रधानमंत्री खदान क्षेत्रीय कल्याण योजना अंतर्गत जिला खदान प्रतिष्ठान (डीएमएफ) को लेकर दो राष्ट्रीय कार्यशाला से निकले निष्कर्ष की प्रतिलिपि भूमि द मदर अर्थ सामाजिक संगठन ने राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल को प्रदान किया है। डीएमएफ संचालन एवं क्रियान्वयन समाने आयी त्रुटियों पर संविधान की धारा 244 (1) के तहत हस्तक्षेप करने को संगठन ने राज्यपाल से अनुरोध किया है। संगठन ने कहा है कि बिना की किसी पल्ली सभा किए अनुसूचित जनजाति इलाकों में विभिन्न प्रोजेक्ट अनुमोदित किए जा रहे है जो कानून का उल्लंघन है।
भूमि द मदर अर्थ के अध्यक्ष सत्यव्रत पंडा ने बताया कि एक लाख करोड़ रुपये की बजट के लिए राज्य विधानसभा को डेढ़ महीने से अधिक समय लग जाता है, मगर 4-5 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट जिला प्रशासन एक घंटे में मंजूर कर दिया। डीएमएफ ट्रस्ट किसी भी जिला में पंजीकृत नहीं पाया है। लाभुकों की सूची तैयार होने से पहले ही अधिकारी मनमाने ढंग से खर्च कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सह भूमि द मदर अर्थ के सलाहकार मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि क्योंझर जिला खदान संपन्न जिला है मगर इस जिले में सड़क की मरम्मत एवं निर्माण के लिए डीएमएफ राशि को खर्च न किया जाना चिताजनक है। उन्होंने कहा कि डीएमएफ कार्यकारिता को लेकर शिकायत आने पर इसकी सुनवाई की कोई व्यवस्था नहीं है और ना ही इसकी सोशल आडिट किया जाता है। मदर अर्थ के निदेशक राजेश पटनायक ने डीएमएफ राशि के संचालन के लिए कोई कार्यालय न होने एवं अर्नेष्ट एंड यंग जैसे एक संगठन के हाथ में इसका दायित्व देने की कड़ी समालोचना की है। बताया कि जिन अधिकारियों ने अर्नेष्ट एण्ड यंग का चयन किया वे ही सरकारी पद से इस्तीफा देकर इसी संस्था में शामिल हो गए हैं। स्थानीय लोगों एवं संगठन की अनदेखी कर इस योजना को कार्यकारी करने का आरोप उन्होंने लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि डीएएफ की वेबसाइट अधिकांश समय काम नहीं करती है। ऐसे में संगठन ने इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन दिया है।