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भुवनेश्वर में बनेगा टाटा मेमोरियल अस्पताल

इसके लिए राज्य सरकार 25 एकड़ जमीन देगी। कटक में मौजूद आचार्य हरिहर अस्पताल को कैंसर इलाज के लिए प्रथम अनुष्ठान के तौर पर विकसित किया जाएगा।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 12:08 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 12:08 PM (IST)
भुवनेश्वर में बनेगा टाटा मेमोरियल अस्पताल
भुवनेश्वर में बनेगा टाटा मेमोरियल अस्पताल

भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य में कैंसर रोग के इलाज के लिए त्रिस्तरीय अस्पताल नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न इलाके में इलाज यूनिट खोले जाने के साथ विशेषज्ञों एवं कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए प्रारंभिक चरण में सरकार ने 1000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। यह निर्णय सोमवार को कैंसर इलाज योजना के लिए हुई पहली सलाहकार कमेटी की बैठक में लिया गया है।

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राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाढ़ी की अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में कैंसर रोग के इलाज के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। राज्य के विभिन्न इलाके में 15 प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्तरीय इलाज यूनिट काम करेगी। प्रथम स्तरीय यूनिट के तौर पर राजधानी में एक विश्वस्तरीय टाटा मेमोरियल अस्पताल बनाया जाएगा। 

इसके लिए राज्य सरकार 25 एकड़ जमीन देगी। कटक में मौजूद आचार्य हरिहर अस्पताल को कैंसर इलाज के लिए प्रथम अनुष्ठान के तौर पर विकसित किया जाएगा। बुर्ला, कालाहांडी, बरहमपुर, कोरापुट के सरकारी मेडिकल कॉलेज के साथ कैपिटल अस्पताल में द्वितीय स्तरीय इलाज यूनिट बनायी जाएगी। इसके साथ ही झारसुगुड़ा, केंदुझर, बारीपदा, बालेश्वर, बलांगीर, बरगढ़, नवरंगपुर एवं अनुगुल जिला के सरकारी अस्पतालों में त्रिस्तरीय इलाज यूनिट की स्थापना की जाएगी। इस नेटवर्क के जरिए कैंसर का पूरा इलाज यहां उपलब्ध किया जाएगा।

विशेषज्ञ, सुपर स्पेशलिस्ट, डॉक्टर एवं सहायक कर्मचारियों को नियोजित करने के लिए अग्रिम कदम उठाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्रीय सेवा मुहैया करने एवं जांच करने के लिए जिला स्तर पर एक समन्वय कमेटी बनाने का भी सुझाव है।

राज्य में कैंसर रोग के व्यापक इलाज के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग एवं टाटा ट्रस्ट के बीच पहले से ही करारनामा हस्ताक्षरित किया गया है। इस योजना के लिए राज्य सरकार एवं टाटा ट्रस्ट कोष से पैसा खर्च किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें से 500 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी तो 500 करोड़ रुपये टाटा ट्रस्ट देगा। आगामी दो साल के अंदर आधारभूमि तैयार कर  इलाज सेवा शुरू करने के लिए निर्देश दिया गया है। बैठक में अतिरिक्त सचिव आर बालकृष्णन, वित्त विभाग के मुख्य सचिव तुहिनकांत पांडे, स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. प्रमोद कुमार मेहेर्दा, राज्य दवा निगम की संचालन निदेशिक अर्चना पटनायक, टाटा ट्रस्ट की तरफ से ट्रस्ट राज्य प्रतिनिधि के साथ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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