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Ayodhya Verdict: स्वामी निश्चलानंद सरस्वती बोले, सुप्रीम कोर्ट की राय देश हित के लिए ठीक नहीं

Ayodhya Verdict. सुप्रीम कोर्ट की राय का विरोध करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि यह राय देश हित के लिए खतरनाक सिद्ध होगी और इससे आगामी दिनों में अशांति उत्पन्न होगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 04:44 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 04:44 PM (IST)
Ayodhya Verdict: स्वामी निश्चलानंद सरस्वती बोले, सुप्रीम कोर्ट की राय देश हित के लिए ठीक नहीं
Ayodhya Verdict: स्वामी निश्चलानंद सरस्वती बोले, सुप्रीम कोर्ट की राय देश हित के लिए ठीक नहीं

जासं, भुवनेश्वर। Ayodhya Verdict:  अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की राय पर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। सुप्रीम कोर्ट की राय का विरोध करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि यह राय देश हित के लिए खतरनाक सिद्ध होगी और इससे आगामी दिनों में अशांति उत्पन्न होगी। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी, वह दुर्भाग्यजनक है। यह भविष्य में आतंकियों के मुख्य ठिकाने के रूप में तब्दील हो जाएगी।

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स्थानीय रेलवे ऑडिटोरियम में आयोजित विशेष पत्रकार सम्मेलन में शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू एवं मुसलमान शांति में रहे, इसीलिए भारत एवं पाकिस्तान अलग हुए थे। हालांकि अब दोनों ही देशों में शांति नहीं है। पाकिस्तान आतंकियों का केंद्र बिंदु बन गया है। यह बात खुद वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वीकार की है। इसके बावजूद हम अपनी जमीन आतंकियों को दे रहे हैं। उक्त पांच एकड़ जमीन में यदि मस्जिद बनाई जाती है तो फिर अयोध्या और एक मक्के में तब्दील हो जाएगा। शंकराचार्य ने कहा कि आतंकियों का प्रवेश द्वार बन जाएगा और उत्तर प्रदेश पाकिस्तान में तब्दील हो जाएगा। एक ही जगह पर यदि मंदिर और मस्जिद बनाई जानी थी तो फिर पहले क्यों नहीं बनाई गई।

शंकराचार्य ने कहा कि नरसिम्हा राव एवं वाजपेयी सरकार के समय में समान निर्णय लिया गया था। इस पर हम राजी नहीं हुए थे, ऐसे में इस निर्णय को रद करना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने राय प्रकाशित करने से पहले चारों धाम के शंकराचार्य से सलाह नहीं ली। राजनेता अपने हित साधन के लिए धर्मगुरु बना रहे हैं एवं उनके मतों के आधार पर अपने हित साधते हैं। ऐसे में संसद में विशेष अधिवेशन बुलाकर सुप्रीम कोर्ट की राय को खारिज करने के लिए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने मांग की है। 

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