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जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र में अनाधिकृत विध्वंस अभियान से पहले धार्मिक गुरु से करें परामर्शः सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court.सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा सरकार से पुरी के जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र में किसी भी अनाधिकृत विध्वंस अभियान को चलाने से पहले धार्मिक गुरु से परामर्श करने के लिए कहा है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 12:10 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 12:10 PM (IST)
जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र में अनाधिकृत विध्वंस अभियान से पहले धार्मिक गुरु से करें परामर्शः सुप्रीम कोर्ट
जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र में अनाधिकृत विध्वंस अभियान से पहले धार्मिक गुरु से करें परामर्शः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को ओडिशा सरकार से पुरी के जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र में किसी भी अनाधिकृत विध्वंस अभियान को चलाने से पहले धार्मिक गुरु, शंकराचार्य और अन्य पुजारियों और सभी हितधारकों के साथ परामर्श करने के लिए कहा है।

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गौरतलब है कि इससे पहले गत अगस्त में ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर के आसपास अनधिकृत निर्माण गिराने के ओडिशा सरकार के फैसले पर रोक की मांग संबंधी दो याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अरविंदलोचन व इंटर-कांटिनेंटल एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स की याचिकाओं को खारिज करते कहा कि इनमें मेरिट नहीं है। ओडिशा के एडवोकेट जनरल अशोक पारिजा के बयान पर संज्ञान ले शीर्ष अदालत ने ये याचिकाएं खारिज कीं।

पारिजा के मुताबिक, गैरकानूनी निर्माण गिराने का फैसला दास समिति की सिफारिशों के अनुपालन के साथ-साथ संबंधित कानूनों व प्रक्रियाओं के तहत लिया गया था। दास समिति ने जगन्नाथ मंदिर के आसपास 75 मीटर के क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त बनाने की सिफारिश की थी। जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने याचिकाएं खारिज करने के साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व न्यायमित्र रंजीत कुमार से जगन्नाथ मंदिर का दौरा करने व गैरकानूनी निर्माण हटाने के अभियान की स्थिति का जायजा लेने का निर्देश भी दिया।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल व न्याय मित्र दोनों को रिपोर्ट दाखिल कर यह बताने का निर्देश भी दिया कि मंदिर के बेहतर विकास के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। इससे पहले न्यायमित्र ने एक रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें जिला जज के सुझाव के आधार पर श्रीमंदिर में विभिन्न सुधारों की सिफारिश की गई है।

श्रीमंदिर सुरक्षा जोन में एक महीने के अंदर जमीन देने वालों को मिलेगी 10 फीसद अधिक राशि

श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी के चारों तरफ 75 मीटर दायरे में किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने अब एक नया रास्ता अख्तियार किया है। इसके तहत राज्य सरकार ने श्रीमंदिर सुरक्षा जोन में जमीन अधिग्रहण व पुनर्वास योजना को त्वरित करने के लिए 40 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। साथ ही, घोषणा की कि यदि कोई व्यक्ति एक माह के भीतर अपनी जमीन अधिग्रहण कराता है तो सरकार उसे 10 फीसद अधिक सहायता राशि देगी।

इस अनुदान को जमीन अधिग्रहण कोष में जमा करने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संयुक्त सचिव को निर्देश दिया है। पुरी स्थित श्रीमंदिर सुरक्षा जोन के 75 मीटर चौहद्दी के मध्य रहने वाले पांच मुहल्ले में 15 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने का सर्वे हुआ है। प्रशासन की पांच टीमों ने श्रीमंदिर के उत्तर द्वार के पास चुड़ंग मुहल्ले से सर्वेक्षण शुरू किया है। घर-घर जाकर विस्थापित होने वाले परिवार से उनके विचार लिए जा रहे हैं। साथ ही, इससे सामाजिक प्रभाव किस तरह का पड़ रहा है, इसका भी सर्वे किया जा रहा है।

पुरी के समग्र विकास, पर्यटन को बढ़ावा के लिए सरकार ने पहल की है। इसके तहत श्री जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा के मद्देनजर राज्य सरकार ने श्रीमंदिर के आसपास 75 मीटर दायरे में जर्जर भवनों सहित कई मठ-मंदिरों को हटाने का निर्णय लिया है। अब तक कई मठों को हटाया भी जा चुका है। हालांकि कुछेक मठों को लेकर उत्पन्न आक्रोश को बढ़ता देख सरकार ने फिलहाल उन्हें हटाने के निर्णय को स्थगित रखा है। ऐसे में सरकार की ओर से श्रीमंदिर सुरक्षा जोन में जमीन अधिग्रहण व पुनर्वास के लिए राशि मंजूर किए जाने का बुद्धिजीवियों ने स्वागत किया है।

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