बालेश्वर में क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण, अमित शाह ने डीआरडीओ को दी बधाई
बालेश्वर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन एवं रूस के वैज्ञानिकों के संयुक्त प्रयास से क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया ये मिसाइल 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने तथा 300 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक प्रहार की क्षमता वाली है।
बालेश्वर, लावा पांडे। बालेश्वर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन एवं रूस के वैज्ञानिकों की मिश्रित प्रयास से निर्मित जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का चांदीपुर आइटीआर के एलसी3 से सफलतापूर्वक सुबह 10:27 पर परीक्षण किया गया। यह प्रक्षेपास्त्र 8.4 मीटर लंबा तथा 0.6 मीटर चौड़ा है तथा इसका वजन 3000 किलोग्राम है। यह प्रक्षेपास्त्र 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने तथा 300 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता रखता है। यह सुपर सोनिक रूस प्रक्षेपास्त्र आवाज की गति से भी 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखता है। इस प्रक्षेपास्त्र को पानी जहाज हवाई जहाज जमीन एवं मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है। इस प्रक्षेपास्त्र को किसी भी दिशा एवं लक्ष्य की ओर मनचाहा तरीके से छोड़ा जा सकता है।
छोटे लक्ष्यों को सटीकता से भेदने में सक्षम
इसका प्रक्षेपण पनडुब्बी हवाई जहाज और जमीन आधारित मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर से भी किया जा सकता है। यह घनी शहरी आबादी में भी छोटे लक्ष्यों को भी सटीकता से भेदने में सक्षम है। ब्रह्मोस मिसाइल एक 2 चरणीय वाहन है जिसमें ठोस प्रोप्लेट बूस्टर तथा एक तरल प्रो प्लेट रेमजेम सिस्टम है। ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 12 जून 2001 को आइटीआर चांदीपुर से ही किया गया था। आज इसके परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ और आइटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। यहां उल्लेखनीय है कि विगत कई दिनों से भारत नए नए किस्म के मिसाइलों के साथ पुराने मिसाइलों का भी प्रायोगिक परीक्षण कर रहा है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में भी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के चांदीपुर से दो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इन ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को जमीन और हवाई प्लेटफार्म से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इस मिसाइल में अधिकांश स्वदेशी उपकरणों का प्रयोग किया गया था। इसे एयर फ्रेम, फ्यूल मैनेजमेंट सिस्टम को डीआरडीओ ने डिजाइन किया था। पहले जमीन पर मार करने में सक्षम इस मिसाइल का मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर से चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज में लॉन्च कॉम्प्लेक्स-3 से परीक्षण किया गया था। इस ब्रह्मोस को भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम ने संयुक्त रूप से विकसित किया था। ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की इकलौती क्रूज मिसाइल है जो सुपरसॉनिक स्पीड से दागी जा सकती है।
अमित शाह ने डीआरडीओ को दी बधाई
एएनआइ के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। अमित शाह ने ट्वीट में लिखा कि स्वदेशी रूप से विकसित रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को भारत पर बहुत गर्व है।