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Odisha: विकास दर बढ़ाने के लिए ब्याज दर घटना जरूरी: सुब्रमण्यम स्वामी

Subramanian Swamy. स्वामी ने कहा कि देश में साल 2018 विकास दर 6.8 फीसद थी जो साल 2019 में घटकर 4.8 फीसद पर आ गई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 12:56 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 12:56 PM (IST)
Odisha: विकास दर बढ़ाने के लिए ब्याज दर घटना जरूरी: सुब्रमण्यम स्वामी
Odisha: विकास दर बढ़ाने के लिए ब्याज दर घटना जरूरी: सुब्रमण्यम स्वामी

जासं, भुवनेश्वर। Subramanian Swamy. देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के लिए ब्याज दर को घटना जरूरी है। उक्त बातें अर्थशास्त्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने नालको लेक्चर सीरीज के 18वें संस्करण में बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर भाग लेकर कही है। व्याख्यान का विषय अर्थव्यवस्था में नई अर्थव्यवस्था पर सार्वजनिक उपक्रमों की प्रासंगिकता था।

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इस दौरान स्वामी ने कहा कि देश में साल 2018 विकास दर 6.8 फीसद थी, जो साल 2019 में घटकर 4.8 फीसद पर आ गई। इसलिए इसको बढ़ाने में ब्याज दर को यदि 12 फीसद से घटाकर छह फीसद कर दिया जाए, तो ऋण लेने वालों की संख्या बढ़ेगी तथा व्यवसाय की तरफ लोगों का रुझान एक बार फिर बढ़ेगा, जिससे आर्थिक विकास दर को पंख लग सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज देश में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है। ओडिशा के सामने भी यह समस्या है। ओडिशा इससे अकेले नहीं निपट सकता है। इसलिए इस विषय पर राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है। बेरोजगारी दूर करने के लिए ओडिशा को केंद्र सरकार को सहयोग करना चाहिए। इस दौरान स्वामी ने अपने अंदाज में दर्शकों को उत्साहित करते हुए एयर इंडिया के निजीकरण की कड़ी आलोचना की तथा उन्होंने इसके बजाय निजी क्षेत्र के समग्र विकास पर जोर दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन यहां नालको भवन के सभागार में किया गया था। इस दौरान डॉ स्वामी के साथ-साथ मंच पर नालको के सीएमडी श्रीधर पात्र भी मौजूद थे।

इससे पूर्व अपने संबोधन में स्वामी ने नए भारत की संरचना में भारत के सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों निर्णायक भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम अति महत्त्वपूर्ण हैं और इन क्षेत्रों को संपन्न बनने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। सार्वजनिक लोक उद्यमों को निर्णय लेने व बाजार की गतिविधियों के अनुरूप परिचालन करने की स्वतंत्रता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सार्वजनिक लोक उद्यमों को केवल लाभ से परे बहु.आयामी उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। कुछ विशेष कार्यक्षेत्र हैं, जो सार्वजनिक लोक उद्यमों द्वारा ही चिह्नित व विकसित किए जा सकते हैं।

अपने स्वागत संबोधन में नालको के सीएमडी श्रीधर पात्र ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम के रुप में नालको ने हमेशा ही देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने व उत्पादन, उत्पादकता व लाभप्रदता के सतत बढ़ोतरी के साथ देश हितको सर्वोपरि रखा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी कंपनी राष्ट्र व भारतीय उद्योग के सतत विकास के प्रति कार्य हेतु समर्पित है। इस अवसर पर वक्ताओं के साथ, नालको के निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योगों व शिक्षण संस्थानों के अतिथि उपस्थित थे। 

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