लिगराज मंदिर के पास अतिक्रमण हटाओ अभियान बंद
राजधानी के ऐतिहासिक लिगराज मंदिर के आसपास का अतिक्रमण हटाक
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : राजधानी के ऐतिहासिक लिगराज मंदिर के आसपास का अतिक्रमण हटाकर सौन्दर्यीकरण योजना के तहत विकास कार्य होना है। इसके लिए मंदिर के चारों ओर अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इसे लेकर लोगों में प्रशासन के खिलाफ असंतोष भी बढ़ रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को स्थानीय कारोबारियों के साथ भाजपा एवं कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया। इसके चलते प्रशासन को अवैध निर्माण हटाने का काम रोक देना पड़ा।
भुवनेश्वर म्यूनिसपल कार्पोरेशन (बीएमसी) अधिकारियों ने धरना पर बैठे नेताओं से विचार विमर्श किया। इसके बाद धरनारत लोगों की पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गई जो बुधवार को बीएमसी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। तब तक सामयिक रूप से अतिक्रमण अभियान को टाल दिया गया है। वहीं, व्यापारी संघ, भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य लोगों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। इस बीच, मंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को 11 बजे भुवनेश्वर महानगर निगम के कमिश्नर के कार्यालय में इस संबंध में बैठक होगी। बैठक में व्यवसायी अपनी बात को रखेंगे एवं इसके बाद उनके पुनर्वास का निर्णय लिया जाएगा, तब तक के लिए अवैध निर्माण तोड़ने की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। व्यवसायी संघ एवं नेताओं ने साफ तौर पर कहा है कि पहले इन व्यवसायियों का पुनर्वास किया जाए, इसके बाद तोड़फोड़ किया जाए।
वहीं, पुनर्वास किए बगैर अतिक्रमण हटाने के प्रतिवाद में लिगराज सांस्कृतिक परिषद एवं वरिष्ठ नागरिक मंच की तरफ से लिगराज थाने का घेराव किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के विधायक सूर राउतराय तथा भाजपा उपाध्यक्ष समीर महांती के साथ स्थानीय व्यवसायी एवं वरिष्ठ नागरिक मंच के सदस्य शामिल हुए हैं। विधायक सुर राउतराय ने कहा कि गरीब लोग दुकान बाजार कर किसी तरह से अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं। ऐसे में उनका पुनर्वास किए बगैर उन्हें हटाना ठीक नहीं है। कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है।
यहां उल्लेखनीय है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के पहले दिन लिगराज मंदिर के सामने तथा पूर्वी दिशा में अतिक्रमण को हटा दिया गया है। इस दौरान 18 केबिन, 11 फास्ट फूड की दुकान, 18 उठा दुकान, 4 अस्थाई घर, 5 घर के एसबेस्टस, 2 पिडी, भजन मंडप से सटकर रहने वाले छोटे मंदिर को तोड़ दिया गया है। अतिक्रमण हटाने के कार्य में बीएमसी, बीडीए, जीए, आरएण्डवी तथा कमिश्नरेट पुलिस के जवान शामिल हैं।