संविधान की प्रस्तावना में अहिसा शब्द जोड़ने के लिहस्ताक्षर अभियान
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पहल पर भारतीय संविधान की प
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पहल पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना में अहिसा शब्द जोड़ने के प्रयास में तेजी आ गई है। नौ अगस्त को क्रांति दिवस के मौके पर इसके लिए बाकायदा अभियान शुरू किया गया। साथ ही इससे जुड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया गया।
ओडिशा राज्य स्वतंत्रता संग्राम समिति की ओर से शुरू किया गया हस्ताक्षर अभियान दो अक्टूबर तक चलेगा। इसमें विभिन्न गांधीवादी संगठन शामिल हैं। राज्य के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी पद्मश्री भवानी चरण पटनायक ने सबसे पहला हस्ताक्षर किया। इस मौके पर प्रदेश के मंत्री प्रफुल्ल मलिक, अशोक पंडा, सांसद भर्तृहरी महताब, प्रसन्न आचार्य, विधायक प्रदीप कुमार अमात, अनन्त नारायण जेना, सुरेश कुमार राउतराय, पीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक, कांग्रेस नेता शिवानन्द राय एवं स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर किया और आम लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की।
अभियान के संयोजक उपेंद्र पाढ़ी ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में अहिंसा शब्द को जोड़ने के लिए चलाया जा रहा हस्ताक्षर अभियान गांव गांव तक पहुंचाया जाएगा। पूरे प्रदेश से एकत्रित हस्ताक्षर आगामी दो अक्टूबर को राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रस्ताव रखा था कि भारत के संविधान की प्रस्तावना (मुखबंध) में अहिसा शब्द को भी शामिल कर लिया जाना चाहिए। उनके इस आह्वान को साकार बनाते हुए केंद्र सरकार को इस दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित कराने को हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।
1976 में जोड़े गए थे तीन नए शब्द
संविधान की प्रस्तावना में वर्ष 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम के जरिए संशोधन किया गया था जिसमें तीन नए शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था। संविधान की प्रस्तावना का निर्माण भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतात्रिक गणराज्य करने के लिए किया गया।
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