Move to Jagran APP

कोरोना काल में बंद हो गई है श्रीमंदिर की कमाई, मैनेजिंग कमेटी ने सुझाया ये रास्‍ता

श्रीमंदिर मैनेजिंग कमेटी के अनुसार कोरोना महामारी के इस काल में मंदिर की कमाई ठप हो गयी है ऐसे संकट के समय में महाप्रभु की बेकार पड़ी जमीन यदि बिक जाए तो मंदिर की आय को बढ़ाया जा सकता है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 02:51 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 02:51 PM (IST)
कोरोना काल में बंद हो गई है श्रीमंदिर की कमाई, मैनेजिंग कमेटी ने सुझाया ये रास्‍ता
कोरोना काल में ठप हो गयी है श्रीमंदिर की आय

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। श्रीमंदिर मैनेजिंग कमेटी के सदस्य माधव पूजा पंडा ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि कोरोना काल में श्रीमंदिर की आय पूरी तरह से ठप हो गई है। श्रीजगन्नाथ जी की जितनी जमीन है, उतनी जमीन किसी भी देवता के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि 60 हजार एकड़ जमीन के मालिकाना हक रखने वाले महाप्रभु के श्रीमंदिर संचालन करने के लिए सरकारी फंड या फिर भी भक्तों के दान पर निर्भर करना पड़ता है।         

loksabha election banner

  ऐसे में हम चाहते हैं कि एक बार महाप्रभु की जमीन अवैध कब्जा मुक्त हो जाए और ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद जमीनों को बेच दिया जाए तो जगन्नाथ जी की आय बढ़ जाएगी। ऐसा होने से महाप्रभु के पास काफी धन आ जाएगा और मंदिर का संचालन अच्छे से होगा। रथयात्रा या अन्य किसी कार्य के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

 हालांकि उन्होंने कहा कि जहां लीज देने की जगह है वहां लीज देनी चाहिए, मगर जहां लीज पर जमीन देने का कोई मतलब नहीं है, उस जमीन को बेच देना ही बेहतर विकल्प है। यदि ऐसा होता है तो 800 से 900 करोड़ रुपये का राजस्व श्रीमंदिर को मिल जाएगा, जहां से अभी ना के बराबर राजस्व आता है। उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर का रेवन्यु विभाग पुरी, खुर्दा, गंजाम जहां ज्यादा जमीन है, वहां पर दफ्तर बनाकर काम करेगा। महाप्रभु की आज 60 हजार एकड़ जमीन रिकार्डेड है, जिसका दस्तावेज श्रीमंदिर के पास है।

Indian Railway: रेलवे के निजीकरण से भारत में बढ़ जाएगी बेरोजगारी, ये सुविधायें भी हो जाएगी बंद

कटक में "यात्री सम्पर्क अभियान" की शुरुआत, तत्काल सहायता के लिए डायल करें 182 हेल्पलाइन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.