जिला जज के प्रस्तावों को कार्यकारी करने का निर्देश
पुरी स्थित श्रीमंदिर में सेवायतों का व्यवहार कैसा है, भक्त जो दान
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : पुरी स्थित श्रीमंदिर में सेवायतों का व्यवहार कैसा है, भक्त जो दान दे रहे हैं वह दानपेटी (हुंडी) में जा रहा है कि नहीं, भक्तों की सुरक्षा के लिए किस प्रकार की व्यवस्था की गई है, इन तमाम मामलों की जांच कर पुरी जिला जज ने जो रिपोर्ट दी है उसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में श्रीमंदिर सेवायतों के लिए विशेष ड्रेस कोड का भी प्रस्ताव है। रिपोर्ट में मौजूद सभी संस्कार मूलक प्रस्ताव कार्यकारी करने को मंदिर संचालन कमेटी को सुप्रीमकोर्ट ने निर्देश दिया है। इसके साथ ही भक्तों की जानकारी के लिए इसे मंदिर की वेबसाइट में भी छोड़ने को कहा गया है। जिला जज के प्रस्ताव पर यदि कोई आपत्ति है तो इस संदर्भ में शीर्ष अदालत को अवगत कराने को कहा गया है। इन तमाम प्रस्ताव पर रथयात्रा के बाद सुप्रीमकोर्ट के द्वारा नियुक्त आमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम पुरी दौरे पर आएंगे और सभी पक्ष के साथ बैठक कर कोर्ट को जानकारी देंगे। इसके बाद आगे के कदम उठाए जाएंगे।
वहीं, दूसरी ओर गुरुवार को हाईकोर्ट में श्रीमंदिर के जगमोहन मरम्मत को लेकर दायर मामले की सुनवाई हुई। रथयात्रा के समय जय विजय द्वार को मरम्मत करने के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। इसके साथ ही गुंडिचा मंदिर एवं मौसी मां मंदिर की स्थिति से अवगत कराने को कहा है। एएसआइ की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामा में श्रीमंदिर चौहद्दी के अंदर मौजूद कमजोर मंदिरों के मरम्मत कार्य शुरू कर दिए जाने का उल्लेख किया गया है। वहीं रथयात्रा के समय जगमोहन एवं नाट्यमंडप मरम्मत के साथ गर्भगृह की जांच प्रक्रिया खत्म करने को सेवायतों ने आग्रह किया है।