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आकाशीय बिजली की चपेट में आया श्रीमंदिर का नीलचक्र, लोगों ने कहा अनहोनी का संकेत

आकाशीय बिजली की कारण महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर के नीलचक्र में लगा बांस उखड़ गया और झंडा नीचे गिर गया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 02:27 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 02:40 PM (IST)
आकाशीय बिजली की चपेट में आया श्रीमंदिर का नीलचक्र, लोगों ने कहा अनहोनी का संकेत
आकाशीय बिजली की चपेट में आया श्रीमंदिर का नीलचक्र, लोगों ने कहा अनहोनी का संकेत

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। पुरी में मानसून के असर के कारण हो रही भारी बारिश के बीच बिजली की चपेट में महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर का नीलचक्र आ गया, लेकिन श्रीमंदिर की संरचना को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची है। बिजली गिरने से नीलचक्र में लगा बांस उखड़ गया और झंडा नीचे गिर गया। हालांकि उसी समय नीलचक्र में छोटा झंडे बचने के कारण महाप्रभु श्री जगन्नाथ की नीतियों पर कोई असर नहीं पड़ा है।

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 बताया जाता है कि बिजली की गरज की आवाज इतनी तेज थी कि मंदिर के आसपास के लोग भी डर गये। हालांकि पुरातत्व विभाग की ओर से अर्थिंग लगाये जाने के कारण बिजली से श्रीमंदिर को कुछ क्षति नहीं पहुंची है। लोगों ने कहा कि यदि यह अर्थिंग नहीं होती तो यह संभव था कि श्रीमंदिर की सरंचना को नुकसान पहुंचता।

 इधर, इस घटना को लेकर लोग अपने-अपने नजरिये से देख रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह सब कुछ अनहोनी का संकेत है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि श्रीमंदिर को क्षति नहीं पहुंचना एक सकारात्मक संकेत भी है। लोगों का कहना है कि यह महाप्रभु श्रीजगन्नाथ के ताकत का ही प्रभाव है कि बिजली मंदिर की सरंचना को छू भी नहीं पायी।

 उन्होंने कहा कि एक यह भी संकेत मिला कि महाप्रभु की रथयात्रा निकलेगी, क्योंकि इतनी बड़ी बिजली को निष्क्रिय कर महाप्रभु ने संकेत दिया है कि कोई विपदा नहीं आ सकती है। हालांकि जो लोग इसके विपरीत सोच रहे हैं, उनका मानना है कि कुछ अनहोनी की संभावना के दौरान ही इस तरह की घटनाएं होती हैं।

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