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कड़ी सुरक्षा के बीच खुला महाप्रभु का रत्न भंडार

महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 03:36 PM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 07:45 PM (IST)
कड़ी सुरक्षा के बीच खुला महाप्रभु का रत्न भंडार
कड़ी सुरक्षा के बीच खुला महाप्रभु का रत्न भंडार

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच खोला गया। विधि-विधान से भगवान लोकनाथ की पूजा-अर्चना करने के बाद पहले से तय सदस्यों में से 16 लोगों को श्रीमंदिर में प्रवेश कराया गया। पुरी गजपति महाराज के प्रतिनिधि द्वारा रत्न भंडार की चाबी देने के बाद एक-एक सदस्य को कड़ी तलाशी के बाद रत्न भंडार में जाने दिया गया। श्रीमंदिर में प्रवेश करने वालों में पुरातत्वविद तपन कुमार भट्टाचार्य, चितरंजन दास, एचए नायक, कोर कमेटी सदस्य जेसी मित्र एवं एनसी पाल, गजपति महाराज के प्रतिनिधि अमीय महांती, भंडार मेकाप (गणेश मेकाप), छत्तीसा निजोग महानायक जनार्दन पाटजोशी महापात्र, मुख्य प्रशासक प्रदीप कुमार जेना, हाईकोर्ट के प्रतिनिधि एनके महांती, जिलाधीश अरविंद अग्रवाल रत्नभंडार सब कमेटी के सदस्य रामचंद्र दास महापात्र व अनंत तिआड़ी, नीति प्रशासक प्रदीप दास, देउलकरण चन्द्रशेखर मंगराज समेत तड़उकरण हिमांशु पटनायक शामिल हैं।

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श्रीमंदिर रत्न भंडार में प्रवेश करने से पहले इन सभी सदस्यों की सघन जांच की गई। सभी सदस्यों ने गमछा पहनकर श्रीमंदिर में प्रवेश किया। हालांकि 17 सदस्यीय टीम का श्रीमंदिर के रत्‍‌न भंडार में जाना तय हुआ था। मगर एसपी के गमछा नहीं पहने होने के कारण वह अंदर नहीं जा सके। रत्‍‌न भंडार जांच प्रक्रिया को लेकर श्रीमंदिर के अंदर एवं बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। बम स्क्वायड से लेकर स्नेक हेल्पलाइन, एंबुलेंस आदि तमाम सुरक्षा के बंदोबस्त श्रीमंदिर परिसर में किए गए थे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मई 1978 में महाप्रभु का रत्न भंडार खोला गया था और तकरीबन 70 दिनों की गिनती के बाद रत्‍‌नों की सूची तैयार की गई थी।


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