उम्र 50 हो जाए तो जीयें आध्यात्मिक जीवन : आचार्य
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : श्रीराम मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा प्रेमी समिति, भुवनेश्वर के सौज
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : श्रीराम मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा प्रेमी समिति, भुवनेश्वर के सौजन्य से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सुदामा चरित, चौबीस गुरुओं के वर्णन आदि प्रसंगों की चर्चा के साथ रविवार को संपन्न हो गई। कथा के समापन दिन व्यास पीठ से स्वामी रामनिवासाचार्य वृंदावनवाले ने द्वारकाधीश श्रीकृष्ण की 16108 रानियों, प्रत्येक से 10-10 बेटे-बेटियों को मिलाकर कुल एक लाख 61 हजार 80 संतानों की चर्चा, मनुष्य जीवन में धर्म पर आधारित दान देने की कथा, नित्य श्रीमद्भागवत कथा श्रवण स्वयं और अपनी संतानों को सुनाने, 24 गुरुओं की बात, सनातन लोगों को संतानों को नैतिक और मूल्यों पर आधारित शिक्षा देने, आज की शिक्षा को अधिक से अधिक ज्ञानार्जन के लिए व्यावहारिक बनाने, सुदामा जैसा ब्राह्माण बनने, भगवान श्रीकृष्ण के द्वारका नगरी में सभी के घरों में विराजने, 50 साल पूरे होने पर जीवन को त्यागमय बनाने और जीवन के चार ऐश्वर्य अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष के लिए आध्यात्मिक जीवन जीने का परामर्श दिया। कथा महोत्सव के आखिरी दिन सुदामा की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। सभी ने हवन में हिस्सा लिया और एकसाथ बैठकर प्रसाद सेवन किया। इस अनुष्ठान में समिति से सुभाष गुप्ता, सुशीला गुप्ता, आशा अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, साक्षी अग्रवाल, साधना डालमिया, लता डालमिया, केशरबाई, कुसुम अग्रवाल, प्रिया अग्रवाल, रेखा शाह, भगतराम गुप्ता, मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार गुप्ता, सुभाष गुप्ता, नंद किशोर अग्रवाल,सुरेन्द्र डालमिया, प्रदीप अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, किशन खंडेलवाल, युगल किशोर झुनझुनवाला, महारुद्र झा, जयरुद्र झा सक्रिय रहे।