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महाप्रभु श्री जगन्नाथ के रत्न भंडार की चाबी खोने-मिलने का विवाद गहराया

महाप्रभु श्री जगन्नाथ के रत्न भंडार की चाबी खो जाने और डुप्लीकेट चाबी मिलने का मामला गहराता जा रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 04:17 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 04:48 PM (IST)
महाप्रभु श्री जगन्नाथ के रत्न भंडार की चाबी खोने-मिलने का विवाद गहराया
महाप्रभु श्री जगन्नाथ के रत्न भंडार की चाबी खोने-मिलने का विवाद गहराया

भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा के पुरी में स्थित महाप्रभु श्री जगन्नाथ के रत्न भंडार की चाबी खो जाने और डुप्लीकेट चाबी जिला ट्रेजरी से मिलने की घटना की न्यायिक जांच चल रही है। जस्टिस रघुबीर दास इस मामले की जांच कर रहे हैं। जांच आयोग ने सोमवार को पुरी स्थित सर्किट हाउस में दूसरी सुनवाई के दौरान मामले से जुड़े विभिन्न पक्षकारों की दलील सुनी।

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आयोग के समक्ष जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिलाधीश, उप-जिलाधीश उपस्थित हुए मगर न तो जिला प्रशासन की ओर से और न ही मंदिर प्रशासन की ओर से कोई सत्यपाठ दाखिल किया गया। जस्टिस रघुबीर दास ने जिला प्रशासन और श्रीमंदिर प्रशासन के अधिकारियों के कामकाज पर नाराजगी जाहिर करते हुए अगली सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। यह सुनवाई कटक में होगी। आयोग ने 7 अगस्त तक सत्यपाठ दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इस बीच पुरी जिलाधीश कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने इस प्रकरण में गंभीर आरोप लगाते हुए श्रीमंदिर के नीति प्रशासक की भूमिका पर संदेह जताया है। उनका आरोप है कि विगत 24 मई को जिलाधीश के समक्ष रत्न भंडार की चाबी न मिलने की शिकायत की गई थी। जून में जिला ट्रेजरी के मुख्य लिपिक की गतिविधि संदेह उत्पन्न करने वाली देखी गई। मुख्य लिपिक और श्रीमंदिर के नीति प्रशासक प्रदीप कुमार दास बार-बार जिलाधीश के कक्ष में आते-जाते रहे थे।

अंत में नाटकीय ढंग से जिलाधीश के रिकार्ड रूम से डुप्लीकेट चाबी मिली, जो संदेह उत्पन्न करती है। इस मामले में जगन्नाथ सेना नामक संगठन ने सबसे पहले आवाज बुलंद की थी और रत्न भंडार की चाबी गुम होने से भक्तों की भावना आहत होने का आरोप लगाते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग उठाई थी। आरोप है कि रत्न भंडार की चाबी गलत नियत से गायब की गई थी और कुछ सेवक तथा प्रशासक इस मामले में लिप्त हैं।


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