करंट चपेट में आने से सात हाथियों की मौत
ढेंकानाल जिला के सदर रेंज ओड़पड़ा ब्लाक कमलांग केनाल के पास बिजली के तार की चपेट में आने से सात हाथियों की मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ढेंकानाल जिला के सदर रेंज ओड़पड़ा ब्लाक कमलांग केनाल के पास शुक्रवार देर शाम बिजली के तार की चपेट में आने से एक बच्चा समेत सात हाथियों की मौत हो गई। इनमें दो नर हाथी और चार मादा हाथी शामिल हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच कर छानबीन में जुट गए।
बताया जा रहा है कि 20 हाथियों का झुंड यहां के हाथी कारीडोर से दो गुट में विभक्त होकर निकला था। एक गुट में 13 हाथी थे जबकि दूसरे गुट में सात हाथी थे। इन्हीं में से सात हाथियों का झुंड बिजली की तार के चपेट में आ गया। घटना स्थल पर हाथियों को देखने के लिए स्थानीय लोगों की काफी भीड़ जमा हो गई।
लोगों का कहना है कि सरकारी नियम को ताक पर रखकर एक निजी कंपनी ने आठ फीट की ऊंचाई पर बिजली का तार खींच दिया था जबकि इसकी ऊंचाई कम से कम 17 फीट होनी चाहिए। हाथियों का झुंड उसी रास्ते से गुजर रहा था कि बिजली के तार की चपेट में आ गया और उनकी मौत हो गई। इतनी संख्या में एक साथ हाथियों की मौत होने पर पशुप्रेमियों ने नाराजगी जताते हुए दुख प्रकट किया है। साथ ही बिजली विभाग तथा प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा किया है। लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही आज हुए इस हादसे से प्रमाणित हो गई है। उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में हाथियों के आवागमन वाले रास्ते पर इतनी कम ऊंचाई पर बिजली का तार खींचा गया। विभागीय अधिकारियों ने इसकी जांच की थी या नहीं इसकी जांच करके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
एक बार फिर रेलवे की लापरवाही सामने आई :
लोगों ने इस हादसे के लिए रेलवे को जिम्मेदार बताया। क्योंकि हाथियों का जानलेवा तार रेलवे ट्रैक बनाने के लिए यहा बिछाए गए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि तार की ऊंचाई काफी कम रखी गई थी जिसके कारण यह दुर्घटना हुई।
इससे पहले भी हुए हैं हादसे :
यह पहली बार नहीं है जब करंट लगने से किसी हाथी की मौत का मामला सामने आया है। इससे पहले भी इस तरह के हादसे होते रहे हैं। कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के पंतनगर इलाके में एक हाथी करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई थी। वह खाने और पानी की तलाश में जंगल की ओर आया था, लेकिन तालाब के पास ही बिजली की तारों की चपेट में आ गया।
ओडिशा में आए दिन होती है मौत :
ओडिशा में आए दिन हाथियों की अप्राकृतिक मौत होती रहती है। एक रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा में 1990 के बाद से अबतक 1400 हाथियों की मौत अप्राकृतिक तरीके से हुई हैं। इनमें से 87 मौते बिजली के तार के चपेट में आने से हुई हैं।