व्यापार के लिए समुद्री मार्ग मुक्त व सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में शुक्रवार को विदेश मंत्रालय, भारत सरकार
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में शुक्रवार को विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से समुद्री सुरक्षा और सहयोग पर तीसरा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) आयोजित रहा। इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुसलाम, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान, लाओपीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, रूस, ¨सगापुर, दक्षिण कोरिया आदि 16 देशों के 52 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस, कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक जून 2018 को ¨सगापुर के शांगरी ला वार्ता एवं 25 जनवरी 2018 को नई दिल्ली में आयोजित एशियन भारत स्मारक शिखर सम्मेलन की दिल्ली घोषणा का उल्लेख किया। प्रधान ने कहा कि व्यापार के लिए महासागरों और इसके संसाधनों की भूमिका तथा समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नो परिवहन एवं बिना किसी रुकावट व्यापार के लिए महासागरों को मुक्त रखना होगा और इसके लिए अन्य देशों के सहयोग की जरूरत है। प्रधान ने कहा कि भारत दक्षिण पूर्व एशिया का निकटतम समुद्री पड़ोसी है और इन देशों के साथ प्राचीन समुद्री एवं सांस्कृतिक संबंध है। उन्होंने बालीयात्रा का उल्लेख किया जहां से प्राचीन काल के दौरान पड़ोसी देशों से नावों के जरिए व्यापार होता था। प्रधान ने कहा कि ओडिशा में आज भी कई महत्वपूर्ण बंदरगाहों और जलमार्गों को विकसित कर राज्य को समुद्री प्रवेश द्वार बनाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन ईएएस सदस्य देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और समुद्री संसाधनों के उपयोग के क्षेत्र में सहयोग व सुसंगत विचारों को प्राप्त करने में मदद करेगा, जो सभी देशों के लिए लाभदायक होगा। इस सम्मेलन में शामिल सभी प्रतिनिधि शनिवार यानी नौ जून को धौली एवं कोणार्क के दौरे पर जाएंगे और इन्हें राज्य की विरासत और सांस्कृतिक स्थलों की जानकारी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए काम करता है। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन के निदेशक वाइस एडमिरल प्रदीप चौहान, आइएफएस, विदेश मंत्रालय (एशियान) के संयुक्त सचिव अनुराग भूषण, विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआइएस) अध्यापक डॉ. प्रबीर दे प्रमुख उपस्थित रहे।