रथयात्रा में एनएसजी के जिम्मे होगी सुरक्षा, डीजीपी ने की तैयारियों की समीक्षा
रथयात्रा में लाखों भक्तों के समागम को ध्यान में रखते हुए इस साल सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा।
भुवनेश्वर, जेएनएन। विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा में जुटने वाले लाखों भक्तों की सुरक्षा एवं विभिन्न समय में आतंकवादी धमकी को लेकर खुफिया विभाग से मिले इनपुट को ध्यान में रखते हुए इस साल रथयात्रा में सुरक्षा का दायित्व राष्ट्रीय सुरक्षा वाहिनी (एनएसजी) के हाथ में होगा। किसी भी प्रकार की संभावित अनहोनी को खत्म करने लिए एनएसजी कमांडों सतर्क रखने के लिए राज्य पुलिस ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।
शनिवार को राज्य पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि रथयात्रा में लाखों भक्तों के समागम को ध्यान में रखते हुए इस साल सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा। रथयात्रा के लिए जल, थल एवं आकाश मार्ग के जरिए पुरी शहर पर नजर रखी जाएगी। यहां तक कि एनएसजी कमांडों को नियोजित करने को भी कदम उठाए जा रहे हैं। डीजीपी ने बताया कि रथयात्रा में 145 प्लाटून सशस्त्र पुलिस बल तैनात किया जाएगा। इसके अलावा एक हजार से अधिक पुलिस अधिकारी, 2 हजार होमगार्ड, 2 कंपनी केंद्रीय रैपिड एक्शन
फोर्स, 2 कंपनी राज्य स्वीफ्ट एक्शन फोर्स, 2 यूनिट एसओजी, एक यूनिट एनडीआरएफ एवं 2 यूनिट ओड्राफ टीम सुरक्षा व्यवस्था में नियोजित की जाएगी।
बैठक में डीजीपी ने यातयात संचालन, पार्किंग स्थल की पहचान, महिला एवं शिशु तथा वरिष्ठ नागरिक की सुरक्षा, फोर्स के रहने के स्थान, वरिष्ठ नागरिकों के आने-जाने आदि तैयारियों की भी समीक्षा की। एडीजी सत्यजीत को रथयात्रा संचालन का दायित्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सत्यजीत महांती को पूरी रथयात्रा संचालन का दायित्व दिया गया है। इसके अलावा यातयात नियंत्रण, कर्डन संचालन, मंदिर के बाहर एवं अंदर भीड़ नियंत्रण के लिए आइजी स्तर के पुलिस अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमांडेंट, अतिरिक्त एसपी, डिप्टी कमांडेंट, डीएसपी आदि इनका सहयोग करेंगे।
पुरी समुद्र के किनारे रथयात्रा के दौरान हर दिन तैनात रहने वाले 100 लाइफ गार्ड के अलावा अतिरिक्त 300 लाइफगार्ड तैनात किए जाएंगे। रेल स्टेशन एवं अन्य जगहों पर सीसीसीटी से यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। यात्रियों के सहयोग के लिए जीआरपी की तरफ से नियंत्रण कक्ष खोलकर मदद की जाएगी। चार जोन में बंटेगा पुरी शहर रथयात्रा के समय पुरी शहर को चार जोन में विभक्त किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी इसका दायित्व संभालेंगे। इसी तरह एक जोन को 5 सेक्टर में विभक्त कर पूरे शहर को 28 जोन में बांटा जाएगा। आगामी 9 एवं 10 जुलाई तक इस दायित्व में रहने वाले सभी पुलिस अधिकारी पुरी पहुंच जाएंगे।
श्रीमंदिर में गैर हिंदू प्रवेश का विहिप ने किया विरोध
सुुप्रीमकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई कर श्रीमंदिर में गैर हिंदू प्रवेश के संबंध में विचार करने कहा है। इसे लेकर विभिन्न संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। सुप्रीमकोर्ट के इस प्रस्ताव का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने विरोध किया है। शनिवार को पुरी में पत्रकारों से बातचीत में विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बद्रीनाथ पटनायक ने कहा है कि श्रीमंदिर मामले में सुप्रीमकोर्ट की राय का परिषद स्वागत करता है। लेकिन श्रीमंदिर में गैर हिंदू प्रवेश को लेकर जो विचार रखा गया है, उसका हम विरोध करते हैं। इस पर पुन: विचार नहीं किया गया तो परिषद सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
डॉ. पटनायक ने कहा कि पुरातन काल से चली आ रही प्रथा एवं परंपरा से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। करोड़ों हिंदू भक्तों की भावना के साथ राजनीतिक खेल नहीं खेला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर में सेवायतों के द्वारा जबरन दान, दक्षिणा लेने जैसी प्रथा को बंद करना, मंदिर परिसर में सफाई बनाए रखने के लिए शीर्ष अदालत का निर्देश स्वागतयोग्य है। श्रीमंदिर में सेवायतों के लिए विशेष परिचयपत्र प्रदान करने के साथ उनके द्वारा चलाए जा रहे वंशानुक्रमिक सेवा में बदलाव लाकर सेवायत नियुक्त करना उचित है मगर इससे पहले सेवायतों को उपयुक्त न्याय देते हुए सरकार द्वारा उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास तथा दैनिक रहन-सहन की सुव्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ा।