ओडिशा में अब स्कूली बच्चे पढ़ेंगे आपदा प्रबंधन का पाठ: तैयारी में जुटा शिक्षा विभाग
Disaster Management विद्यालय एवं जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कहा 2023 के लिए जो किताबें छापी जा रही हैं उसमें आपदा प्रबंधन को शामिल किया गया है। मंत्री ने कहा है कि किस कक्षा में यह कोर्स रहेगा उस पर एससीईआरटी विचार विमर्श कर रही है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में अब स्कूली बच्चों को आपदा प्रबंधन का पाठ पढ़ाया जाएगा। अगले शिक्षा वर्ष अर्थात 2023 से स्कूल पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन विषय को शामिल किया जाएगा। विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है। वर्ष 2023 के लिए जो किताबें छापी जा रही हैं, उसमें यह पाठ्यक्रम रहने की बात विद्यालय एवं जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कही है।
मंत्री ने कहा है कि किस कक्षा में यह कोर्स रहेगा, उसे लेकर एससीईआरटी विचार विमर्श कर रही है। नवीं एवं 10वीं कक्षा में क्या होगा, इसके नीचे की कक्षाओं क्या क्या कोर्स होगा, उस पर विभाग काम कर रहा है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का निर्देश है कि स्कूली पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन कोर्स को शामिल किया जाए। ऐसे में इस बहुत जल्द ही कार्यकारी किए जाने की बात विद्यालय एवं जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कही है।
.यहां उल्लेखनीय है कि ओडिशा को हर साल समुद्री तूफान का सामना करना पड़ता है। हर साल काफी मात्रा में धन जीवन की हानि होती है। आपदा के साथ ओडिशा का गहरा रिश्ता बन चुका है। ऐसे में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक स्कूली बच्चों को आपदा प्रबंधन का पाठ पढ़ाने के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया हुआ है, जिस पर शिक्षा विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है।
जंगल क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जीवन शैली को विकसित करने के लिए बनाएं योजना
जंगल का विकास एवं जंगल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाना होगा। वन विभाग के अधिकारियों को इसके लिए योजना तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने निर्देश दिया है। ओडिशा लोक सेवा भवन में गुरुवार को आयोजित वन विभाग अधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण ऊपजी विपरीत परिस्थिति में भी इंडिया स्टेट आफ फारेस्ट रिपोर्ट 2021 के मुताबिक पिछले दो सालों में हमारे जंगलों का अधिक विकास हुआ है। यह हमारे लोगों के निरंतर समर्थन, भीएसएस सदस्य तथा वन विभाग के कर्मचारी के अथक परिश्रम के कारण यह सम्भव हुआ है। आगामी दिनों में भी यह धारा जारी रखने के लिए मुख्यमंत्री ने उपस्थित वन अधिकारियों को सलाह दी है।
इस कार्यक्रम में अन्यतम अतिथि के तौर पर भाग लेते हुए वन विभाग, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री विक्रम केशरी आरूख ने कहा है कि पिछले साल की तुलना में जंगल में लगी आग की घटना में 50 प्रतिशत की कमी आयी है। मुख्य सचिव सुरेश चन्द्र महापात्र ने कहा है कि जंगल संरक्षण तथा वन्यजंतु संरक्षण कार्य के अलावा जंगली क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए जीविका निर्वहन करने वाले प्रोजेक्ट को सरल बनाने में वन विभाग की बड़ी भूमिका है।